बिहार में 15 दिन में गिर गए 10 पुल, उच्चस्तरीय जांच हो।….
सोनू कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि बिहार में अभी बाढ़ आई नहीं है और पिछले 15 दिनों में 10 पुल गिर गए। राज्य में बड़े पैमाने पर पुलों का गिरना एक बड़े संगठित भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। तीन जुलाई को राज्य में एक साथ पांच पुल टूट गया। इससे पहले 18 जून को अररिया में 22 जून को सीवान और फिर पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में पुल गिर गया। इसके पहले मार्च महीने में भी सुपौल में पुल हादसा हुआ, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई। पुल गिरने के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि राज्य में लगातार बड़े पैमाने पर गिर रहे पुल भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। पथ निर्माण विभाग पिछले 19 वर्षों में 16 वर्षों तक भाजपा के पास है जबकि ग्रामीण कार्य विभाग जदयू के पास,इन्हीं दोनों विभागों के द्वारा राज्य में पुल निर्माण कराया जाता है। पुल गिरने की ये सिलसिलेवार घटनाएं महज संयोग नहीं, बल्कि विकास कार्यों में व्याप्त संगठित भ्रष्टाचार के कारण हो रहा है।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन यह हर कोई जानता है कि भाजपा-जदयू शासन में भ्रष्टाचार पहले से कहीं अधिक बढ़ा है। पुल निर्माण में घटिया सामानों का इस्तेमाल होता है। ठेकेदार से लेकर अधिकारियों और मंत्रियों की मिलीभगत है। निर्माण कार्य का एक बड़ा हिस्सा कमीशनखोरी में चल जाने के चलते लगातार पुल गिर रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मांग करती है कि पुल गिरने की घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच कराकर इसके दोषी व्यक्तियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाय। सिर्फ समीक्षा बैठक से कार्य चलने वाला नहीं है।