राज्य

हिलसा नप के 26 वार्ड पार्षदो को मिला लैपटॉप।

सोनू कुमार /हिलसा (नालंदा):-नगर परिषद के वार्ड पार्षद भी हाइटेक की दुनिया से जुड़ गए। शुक्रवार को हिलसा नगर परिषद कार्यालय में समारोह पूर्वक सभी वार्ड पार्षदों के बीच लैपटॉप का वितरण किया गया। अब वार्ड पार्षद भी योजनाओं के समुचित पर्वेक्षण एव अभिलेख संधारण लैपटॉप के माध्यम से ऑनलाइन करेंगे।वार्ड पार्षदों के बीच लैपटॉप का वितरण करते हुए मुख्य पार्षद धनंजय कुमार ने कहा कि वर्तमान समय मे सरकार की सारे कार्य योजना नेटवर्किंग सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।वैसे में जनप्रतिनिधियों को भी नेटवर्किंग सेवा से जुड़ना अनिवार्य हो गया है ताकि सरकार की हर योजना कार्य की जानकारी ऑनलाइन के माध्यम से मिलता रहे।नए नए नियमो व निर्देशो से अवगत होते रहे। इसके लिए पिछले साल 30 जनवरी 2023 को ही नगर परिषद बोर्ड की बैठक में जनप्रतिनिधियों को लैपटॉप देने का निर्णय लिया गया था। जिसके तहत शुक्रवार को नगर परिषद के कुल 26 वार्ड पार्षदों के बीच लैपटॉप का वितरण किया गया है।वही कार्य पालक पदाधिकारी रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वार्ड पार्षदों को लैपटॉप देने का मुख्य उद्देश्य सरकार की योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने एव लोगो को शहरी विकास की योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने, उनसे शहरी लोगों को लाभ दिलाने, नगर परिषद कार्यालय से विभिन्न तरह की सूचनाएं वार्ड पार्षदों को भेजने, उनका जवाब पार्षदों द्वारा भेजने समेत अन्य सार्वजनिक कार्यों में मदद मिलेगा।उन्होंने कहा कि लैपटॉप निजी कार्य नही बल्कि सरकारी कार्य मे ही उपयोग करना होगा। वार्ड पार्षद का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत लैपटॉप नगर परिषद कार्यालय में जमा कर देना होगा।इस मौके पर

एक छत के नीचे बैठेंगे वार्ड पार्षद

नगर परिषद कार्यालय में वार्ड पार्षदों को बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही थी। इसके लिए वार्ड पार्षदों ने बैठने के लिए कक्ष की मांग किया था। जिसके आलोक में नगर परिषद कार्यालय के बिल्डिंग में वार्ड पार्षदों को बैठने की समुचित व्यवस्था किया गया। जहां शुक्रवार को वार्ड पार्षद कक्ष का विधिवत उद्घाटन मुख्य पार्षद धनंजय कुमार , कार्यपालक पदाधिकारी रविशंकर प्रसाद एव उप मुख्य पार्षद दुर्गा कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अब एक छत के नीचे तमाम वार्ड पार्षद बैठकर विचार विमर्श कर सकेंगे।पहले यह सुविधा नही होने के कारण पार्षदों को अपमानित महसूस करना पड़ता था।

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