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किशनगंज : जिले के हृदयरोग से पीड़ित 04 बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए आईजीआईसी पटना भेजा गया

सभी बच्चों की निःशुल्क होगी जांच और इलाज

किशनगंज, 30 जनवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रसाशन पूरी तरह सजग व गंभीर है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर जिले के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे और बच्चों को नई स्वस्थ जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है। ऐसे पीड़ित बच्चों का जिले की आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित किया जा रहा और आवश्यकता के अनुसार समुचित इलाज के लिए पटना या अहमदाबाद भेजा जा रहा है। जहां बच्चों का सरकारी स्तर से निःशुल्क समुचित इलाज हो रहा है। इसी कड़ी में आरबीएसके टीम द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों में हृदयरोग से पीड़ित कुल 04 ऐसे बच्चे की पहचान की गई है। सभी बच्चे को मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत सरकारी खर्च से स्क्रीनिंग (समुचित जांच) के लिए आईजीआईसी (पीएमसीएच) पटना भेजा गया है। जहां स्क्रीनिंग के बाद आवश्यकतानुसार आगे की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी एवं सभी बच्चों की पूरी तरह निःशुल्क समुचित जांच और इलाज होगा। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि जिले के कुल पांच बच्चों को आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित आईजीआईसी (पीएमसीएच) पटना भेजा गया है। जिसमें जिले के पोठिया प्रखंड निवासी 10 वर्षीय बच्ची जाकिया सुल्ताना, 57 माह का बच्चा मंसूर रहमान, 02 वर्षीय मंतासा खातून, 17 वर्षीय निशा प्रवीन, शामिल हैं। सभी बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी भेजा गया है। डा. किशोर ने बताया कि सभी बच्चे को आने-जाने समेत सभी सुविधाएं यानी समुचित इलाज की सुविधाएं पूरी तरह मुफ्त मिलेगी। सभी बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों का भी खर्च सरकार द्वारा ही वहन किया जाता है। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है। ऐसे बच्चों का आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) द्वारा इलाज कराया जाता है। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने कहा कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में आरबीएसके टीम से संपर्क कर निःशुल्क समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिला सकते हैं। जानकारी उपलब्ध कराने के पश्चात आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, उन्होंने बताया, इस समस्या से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसका पैर टेढ़े-मेढ़े है, उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। इसलिए, जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उसके अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. मुनाजिम ने बताया, समाज के अंतिम व्यक्ति को भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए हमारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम इलाके का भ्रमण कर जरूरतमंदों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करती है। यही नहीं, जरूरतमंदों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान आने से लेकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तक हमारी टीम जरूरी सहयोग भी करती है। ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोगों को सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में हमारी टीम तैनात है। जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और फार्मासिस्ट शामिल हैं। उन्होंने कहा, मैं तमाम जिलेवासियों से अपील करता हूं कि जिनका भी बच्चा हृदय रोग से पीड़ित है, वह अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र आकर हमारी टीम को सूचना दें। उनके बच्चे का पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज करवाया जाएगा।

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