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गरीब कल्याण रोजगार अभियान पुनः राज्य से नहीं लौटने वाले कामगारों के लिए एक मुकम्मल योजना है:-श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार

आरओबी, पटना द्वारा “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान” पर किया गया वेब-गोष्ठी का आयोजन।

पटना/त्रिलोकीनाथ प्रसाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) पटना द्वारा आज “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान” विषय पर वेब-गोष्ठी का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में वेब-गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान पुनः राज्य से नहीं लौटने वाले कामगारों के लिए एक मुकम्मल योजना है तथा इस अभियान में रोजगार सृजन की काफी संभावनाएं हैं।उन्होंने कहा कि क्वारेन्टाइन केंद्रों में रहे कामगारों के स्किल मैंपिंग का मुख्य उद्येश्य ही यह रहा था कि रोजगार प्रदान करने वाले तथा रोजगार ग्रहण करने वालों को एक मंच उपलब्ध कराया जा सके।उसका यह लाभ मिला कि इस अभियान के तहत कौशल के अनुरूप कार्य प्रदान कर पाना आसान हो रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य में एक दिन में ही मनरेगा से जुड़े कार्यों में 21 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया गया है।हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की है कि मनरेगा के कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत व्यय का लक्ष्य 17 हजार 595 करोड़ 90 लाख का है, जिसमें अभी तक 4 हजार 214 करोड़ 53 लाख रुपये व्यय किया जा चुका है।इस अभियान में कुछ नए कार्यों, जैसे-सामुदायिक स्वच्छता परिसर, पंचायत भवन, कुआं आंगनबाड़ी केंद्रों, प्रधानमंत्री आवास, ग्रामीण एवं सीमा सड़कों, केंचुआ खाद-यूनिट, पौधाशाला, जल संचय एवं सरक्षण के निर्माण आदि को भी इस अभियान में जोड़ा गया है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना, प्रधानमंत्री ऊर्जा प्रोजेक्ट और रेलवे के काम को भी इस अभियान में जोड़ा गया है।उन्होंने राज्य में मनरेगा तथा जीविका के माध्यम से रोजगार की उपलब्धता के संबंध में भी अपनी बात रखी।अध्यक्षीय भाषण के दौरान श्री एसके मालवीय, अपर महानिदेशक, आरओबी एवं पीआईबी, पटना ने कहा कि कोविड संकट के दौर में केंद्र सरकार द्वारा चलाया गया यह बेहद महत्वपूर्ण अभियान है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) के तहत प्रवासी मजदूरों को उन्हीं के गृह जिले में रोजगार मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है।प्रवासी मजदूरों एवं उनके परिवारजनों के लिए रोजगार अभियान काफी लाभदायक सिद्ध होगा।सम्मानित अतिथि के तौर पर शामिल बेगूसराय के जिला पदाधिकारी श्री अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान कोविड-19 से उपजी नकारात्मक सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में उम्मीद जगाने वाली पहल है।इस अभियान के माध्यम से जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना निर्माण संबंधी गतिविधियों को गति मिली वहीं लॉकडाउन के कारण घर वापस लौटे कामगारों के आर्थिक सशक्तीकरण का अवसर भी प्राप्त हुआ।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों एवं शहरों से बेगूसराय लौटे श्रमिकों को उनके क्वारेन्टाइन अवधि में ही स्किल मैपिंग की गई तथा इस दौरान लगभग 33,000 श्रमिकों की स्किल मैपिंग की गई ताकि आवश्यकतानुसार, उन्हें विभिन्न रोजगार अवसरों का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत निर्धारित लक्ष्य 8681 के विरूद्ध अब तक 4687 आवासों का निर्माण, 256 सामुदायिक शौचालयों के विरूद्ध 33, जल संरक्षण से संबंधित लक्ष्य 177 के विरूद्ध 348, फॉर्म पॉन्ड से संबंधित निर्धारित लक्ष्य 56 के विरूद्ध 67, मवेशी शेड से संबंधित लक्ष्य 411 के विरूद्ध 74 शेड का कार्य पूर्ण किया गया है।इसी प्रकार वृक्षारोपण के तहत निर्धारित लक्ष्य 6.4 हेक्टेयर के विरूद्ध लगभग 23.04 हेक्टेयर क्षेत्र पर वृक्षारोपण किया गया है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग द्वारा संचालित श्रम संसाधन पोर्टल के माध्यम से अब तक 137 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न पीएसयू एवं सरकारी विभागों में 500 से अधिक आगंतुक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।अतिथि वक्ता के रूप में श्री अरुण कुमार, एसोसिएट एडिटर, हिन्दुस्तान टाइम्स, पटना ने कहा कि जीकेआरए बिहार में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल गांवों का सशक्तीकरण करेगा बल्कि यह अभियान स्वावलंबन की नींव भी डालने का काम करेगा।इस रोजगार अभियान के तहत बिहार में लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, ऐसे में वे अब बाहर नहीं जाना चाहेंगे।यह योजना बिहार के परिदृश्य को बदलने की महत्ती भूमिका निभाएगी।उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती जाएगी।अतिथि वक्ता के रूप में प्रो. मो. तारिक, अर्थशास्त्र विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने कहा कि हमारे देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है।आज भी बेरोजगारी की दर 5 प्रतिशत से ऊपर है। कोविड-19 ने इस बेरोजगारी को और बढ़ा दिया है।ऐसे में गरीब कल्याण रोजगार अभियान बहुत अच्छी पहल के रूप में सामने आया है।इस योजना के सफल होने की पूरी संभावना इसलिए भी है क्योंकि यह एक टारगेटेड योजना है।उन्होंने कहा कि यह अभियान Quantity of employment के साथ-साथ Quality of employment की भी बात करता है।इस अभियान में पर्यावरण का भी खासा ख्याल रखा गया है।25 कार्यों की सूचि में बहुत सारे कार्य सीधे तौर पर पर्यावरण से जुड़े हुए हैं।उन्होंने कहा कि इस अभियान के कार्यान्वयन पर अच्छे तरीके से ध्यान देने की जरूरत है।वेब-गोष्ठी में खगड़िया के बछोटा पंचायत तथा बेगूसराय के शहरी क्षेत्र से दूरदर्शन के स्थानीय संवाददाताओं श्री शशिभूषण एवं श्री अनुज कुमार वर्मा की मदद से लाभार्थी प्रवासी मजदूर भी जुड़े। लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए तथा केंद्र एवं राज्य सरकार के इस सराहनीय पहल के लिए धन्यवाद भी दिया।कार्यक्रम का संचालन श्री संजय कुमार, सहायक निदेशक, पीआईबी, पटना तथा सह-संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री पवन कुमार सिन्हा, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, एफओबी, छपरा ने किया।वेब गोष्ठी में श्री विजय कुमार, निदेशक आरओबी एवं दूरदर्शन (न्यूज) श्री दिनेश कुमार, निदेशक, पीआईबी पटना सहित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी तथा अन्य प्रतिभागी भी शामिल थें।

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