सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चय यात्र पर किशनगंज पहुंच रहे हैं तो बहादुरगंज-टेढ़ागाछ प्रखंड के लोगों को लौचा पुल को लेकर उम्मीदें बढ़ गई है।मुख्यमंत्री द्वारा ही तीन साल पूर्व लौचा पुल का शिलान्यास किया गया था लेकिन तीन साल बाद भी पुल अधूरा है।लोगों का कहना है कि अगर सीएम की नजरे इनायत हुई तो क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या लौचा पुल का निर्माण जरूर पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही 2012 में टेढ़ागाछ को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लौचा पुल की आधारशिला रखी थी।प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र में कनकई नदी पर लौचा पुल का निर्माण बीते तीन वर्षों से जारी है।नियत समय के भीतर पुल का निर्माण पूर्ण नहीं होने से विधानसभा क्षेत्र के लोगों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ती है।बताते चलें कि टेढ़ागाछ प्रखंड को सीधे जिला मुख्यालय से जोड़ने को लेकर मई 2012 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लौचा हाट पहुंच कर पुल की आधारशिला रखी थी।मुख्यमंत्री ने फरवरी 2014 में पुल का निर्माण कार्य पूरा होने की घोषणा की थी।परन्तु विभिन्न कारणों से निर्माण अवधि के दौरान कार्य रुका रहा।परिणाम स्वरूप तय समय सीमा में पुल का निर्माण नहीं पूरा हो पाया।हालांकि टेढ़ागाछ की ओर से बन रहे पुल के अधिकांश पिलर का निर्माण का काम पूरा होने के साथ ऊपर ढलाई भी हो चुकी है।इसके अलावा नया हाट लौचा से पुल तक पहुंचने का रास्ता भी तैयार किया गया है।बावजूद धीमी गति से कार्य होने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय से बहादुरगंज के रास्ते टेढ़ागाछ प्रखंड की दूरी करीब 45 किमी है।जबकि जोकीहाट (अररिया) से होकर 90 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।ऐसे में टेढ़ागाछ व बहादुरगंज प्रखंड के लोग बरसात के दिनों में नाव के सहारे कनकई नदी पार करना पड़ता होते हैं।जबकि अन्य दिनों में चचरी पुल के सहारे लोग नदी पार करते है।हालांकि पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है।वहीं समय समय पर स्थानीय जनप्रितिनिधि व जिला प्रशासन के अधिकारी भी पुल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया है,लेकिन जिले में मुख्यमंत्री के आगमन से क्षेत्रवासियों को बहुप्रतिक्षित लौचा पुल का निर्माण अब शीघ्र पूरा होने की उम्मीदें जगी है।
रिपोर्ट:-धर्मेन्द्र सिंह