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एक्सिस बैंक ब्रांच में इनकम टैक्स का छापा,20 फेक कंपनियों के अकाउंट मिले,60 करोड़ से ज्यादा हुआ डिपॉजिट….

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को एक्सिस बैंक की नोएडा सेक्टर-51 ब्रांच में छापा मारा।इनकम टैक्स अधिकारियों को यहां 20 फेक कंपनियों के अकाउंट मिले।इन अकाउंट्स में 60 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश डिपॉजिट हुआ था।इसके अलावा मुरादाबाद पीतल कारोबारी की फर्म पर इनकम टैक्स ने छापा मारा।

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POSTED BY:-टीम केवल सच DECEMBER 15,2016

मुरादाबाद के पीतल कारोबारी की फर्म पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को ही छापा मारा।इस कारोबारी की कटघर में कोहिनूर क्राफ्ट के नाम से फर्म है।छापे के दौरान फर्म के ऑफिस पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।इससे पहले बुधवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पुणे में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के लॉकर्स की भी जांच की।बैंक ऑफ महाराष्ट्र की पार्वती ब्रांच के एक लॉकर से 10 करोड़ रुपए मिले।इनमें से 8 करोड़ रुपए 2000 के नोटों में हैं।

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इस तरह बैंकों से बदलवाए जा रहे हैं पुराने नोट,ब्लैकमनी हो रही व्हाइट खुद के बैंक के जरिए पुरानी करंसी बदलवा रहा था COO शहर:-जयपुर…….तरीका:-लिमिट से ज्यादा विदड्रॉलमामला जयपुर की इंटीग्रल अरबन कोऑपरेटिव बैंक का है।इसे विल्फ्रेड एजुकेशन सोसायटी चलाती है।आरोप है कि एजुकेशन सोसायटी चलाने वाले लोग बैंक के COO के जरिए अपनी पुरानी करंसी बदलवा रहे थे।मामला तब सामने आया जब बैंक में तय लिमिट से ज्यादा विद्ड्रॉल होने लगा।8 दिसंबर को जब यहां इनकम टैक्स ने छापा मारा तो 1.56 करोड़ रुपए कैश और 2 किलो गोल्ड जब्त किया गया।जांच में पता चला कि बैंक के COO ने ही यह अमाउंट डिपॉजिट कराया था।इसमें दो हजार रुपए के 6904 नोट थे।इसी बैंक में खाली पड़े लॉकरों में सोना जमा किया जा रहा था।

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बिजनेसमैन के लिए रची लूट की झूठी कहानी शहर:-चेन्नई
तरीका: बैंक मैनेजर ने खुद लूट का केस दर्ज कराया,स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के एक मैनेजर ने केस दर्ज कराया कि उसके एक कैशियर से रास्ते में 25 लाख रुपए तब लूट लिए गए,जब वह एक्सिस बैंक की एक ब्रांच में नई करंसी लेकर जा रहा था।जांच से सवाल उठा कि कैशियर ये रकम लेकर रात में क्यों जा रहा था ? पता लगा कि लूट की झूठी कहानी 25 लाख रुपए की नई करंसी एक बिजनेसमैन को देने के लिए रची गई थी।आरोपी बैंक अफसरों को इसके बदले कमीशन मिलने वाला था।

ब्लैकमनी व्हाइट कराने में मदद कर रहा था RBI अफसर,शहर:-बेंगलुरु

तरीका:-बिना डॉक्युमेंटेशन एक्सचेंज में मदद…RBI का यह सीनियर स्पेशल असिस्टेंट स्टेट बैंक ऑफ मैसूर की एक ब्रांच के जरिए 1.5 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदलवा रहा था।लीगल नोट ब्रांच के करंसी चेस्ट में लाए जाते थे।RBI अफसर पुराने नोटों को बिना डॉक्युमेंटेशन के 100 रुपए के नोटों के साथ बदलने में स्टेट बैंक के एक कैशियर की मदद करता था।इसके लिए वह कमीशन भी लेता था।

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44 अकाउंट में 100 Cr डिपॉजिट,शहर:-दिल्ली

तरीका: फर्जी खाते खोले…एक्सिस बैंक की सिर्फ चांदनी चौक ब्रांच में 450 करोड़ रुपए जमा हुए।इससे शक हुआ।इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड मारी।रिकॉर्ड से पता चला कि यहां 44 अकाउंट फर्जी है।ये खाते खोलने के लिए KYC (नो योर कस्टमर) के नियमों की अनदेखी की गई।इससे बेहिसाबी रकम जमा कराने वाले लोगों की पहचान मुश्किल हो गई।आरोप है कि इन 44 फर्जी खातों में बैंक ऑफिसर्स ने 100 करोड़ रुपए जमा किए।

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पुराने नोटों से गोल्ड खरीदा,काली कमाई को बैंक जाकर सफेद किया,शहर:-दिल्ली
तरीका:-ज्वेलर्स ने फर्जी कंपनियां बनाईं,अॉनलाइन ट्रांसफर कराया पैसा,ईडी के मुताबिक,एक्सिस बैंक की कश्मीरी गेट ब्रांच के दो अफसरों पर 40 करोड़ की ब्लैकमनी को व्हाइट कराने में मदद करने का आरोप लगा।इस फ्रॉड के तहत कुछ शेल कंपनियां खोल दी गईं।एक कंपनी में तो एक मजदूर को डायरेक्टर बना दिया गया।कुछ ज्वेलरों ने पुरानी करंसी का इस्तेमाल कर इन कंपनियों के नाम पर बड़ी तादाद में सोना खरीदा और बाद में उसे बढ़े हुए रेट पर बेच दिया।गोल्ड के इस लेनदेन से हुई काली कमाई के बाद ज्वेलर्स ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की मदद ली।10 से 22 नवंबर के बीच इस पैसे को एक्सिस बैंक के अफसरों के जरिए अलग-अलग शेल कंपनियों के खातों में ऑनलाइन डिपॉजिट किया गया।शक ना हो,इसलिए यह पैसा 90 रुपए से लेकर 99 लाख रुपए तक अलग-अलग अमाउंट में ट्रांसफर किया गया।इसके बदले में बैंक अफसरों ने 2% कमीशन लिया।यह कमीशन गोल्ड ब्रिक्स के जरिए दिया गया।कार्रवाई के वक्त बैंक अफसरों के पास से 3 किलो सोना बरामद हुआ।

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बैंक अफसरों से सांठगांठ करते थे ब्रोकर शहर:-बेंगलुरु
तरीका:-मोटा कमीशन लेकर बैंकों से बदलवाते थे पुराने नोट,ईडी ने अवैध तरीके से मनी एक्सचेंज करने वाले 7 ब्रोकर्स को अरेस्ट किया।इन लोगों के बैंक अफसरों से लिंक थे।गिरफ्त मेें आए लोग कस्टमर्स से डील करते थे।मनी एक्सचेंज के लिए ये 15 से 35% कमीशन ले रहे थे।बैंक लिंक्स के जरिए एक्सचेंज करते थे।ईडी ने भी कस्टमर्स बनकर इनसे कॉन्टेक्ट किया।कमीशन फिक्स होने पर इन्होंने डील की और गिरफ्तार हुए।

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