*केन्द्रीय चयन पर्षद द्वारा 07 अगस्त से 28 अगस्त 2024 तक आयोजित होगी लिखित परीक्षा, तैयारी पूरी*
सोनू कुमार/ लिखित परीक्षा माह अगस्त में 06 चरणों में आयोजित की जाएगी। प्रथम तिथि 07.08.2024 और अंतिम तिथि 28.08.2024 है। इस परीक्षा में कुल 17,87,720 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। प्रत्येक तिथि में लगभग 2.5 से 3 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। परीक्षा राज्य के 38 जिला मुख्यालयों में 545 केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी।
*परीक्षा पूर्व की तैयारी*
पर्षद, पुलिस मुख्यालय एवं राज्य सरकार द्वारा परीक्षा के लिए सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। राज्य के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक के स्तर से सभी जिला पदाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक कर उन्हें कडाई से स्वच्छ परीक्षा सम्पादन के लिए निदेशित किया गया है।
परीक्षा के सुचारू एवं कदाचारमुक्त संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा जिला पदाधिकारी
को Exam Coordinator और पुलिस अधीक्षक को Exam Co-Coordinator नियुक्त किया गया है।
राज्य के साईबर थाना एवं आर्थिक अपराध इकाई के स्तर से सोशल मीडिया आदि पर परीक्षा से संबंधित निगरानी प्रारम्भ की जा चुकी है और संदिग्ध बातों अथवा व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है।
स्थानीय पुलिस को परीक्षा एवं परीक्षा से पूर्व हॉस्टल, लॉज, कोचिंग सेन्टर एवं इसी प्रकार के अन्य संस्थान जहाँ अभ्यर्थियों एवं छात्रों आदि का जमावड़ा हो सकता है, पर निगरानी एवं आसूचना संकलन के निर्देश दिए गए हैं।
*परीक्षा केन्द्र पर व्यवस्थाएँ*
पर्षद द्वारा परीक्षा केन्द्रों पर स्वच्छतापूर्ण परीक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएँ की गई हैं, जिसमें प्रत्येक कक्ष एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सी०सी०टी०वी० से निगरानी की जाएगी जिसकी लाईव फीड पर्षद मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होगी तथा प्रत्येक कक्ष में जैमर अधिष्ठापित किये गये हैं जो 5G एवं Wi-fi के सिग्नल को भी जैम करने की क्षमता रखते हैं। साथ ही केन्द्राधीक्षकों से सीधे संवाद के लिए Hotline के रूप में विशेष फोन भी लगाए गए हैं।
*अभ्यर्थियों से संबंधित आवश्यक सूचनाएँ*
अभ्यर्थियों को उनके गृह जिला में केन्द्र आवंटित नहीं किया गया है। जिला, तिथि एवं केन्द्र आवंटन का कार्य Randomization प्रक्रिया से किया गया है। इनके द्वारा Admit card परीक्षा तिथि से मात्र 07 दिन पहले से ही डाउनलोड किया जा सकेगा।
अभ्यर्थियों के प्रवेश का समय प्रातः 09:30 बजे होगा और 10:30 बजे प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। प्रवेश से पूर्व उनकी DFMD/ HHMD तथा जिला पुलिस के प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों द्वारा चेकिंग एवं Frisking की जाएगी। परीक्षा 12:00 बजे से 02:00 बजे तक होगी।
अभ्यर्थियों की पहचान के लिए पर्षद द्वारा निर्गत ई-प्रवेश पत्र एवं उनके पहचान-पत्र (आधार कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र आदि) के साथ ही प्रवेश की अनुमति होगी। परीक्षा कक्ष में उनके दोनों हाथों के अंगूठे का निशान, फोटो एवं शॉर्ट वीडियो लिये जाएंगे। जिनका उपयोग उनकी तत्समय पहचान तथा चयन के अगले चरणों में पहचान करने तथा पररूपधारण की संभावना को नकारने (negate) के लिए किया जाएगा।
अभ्यर्थी परीक्षा केन्द्र में किसी प्रकार की लेखन सामग्री यथा पेन, पेन्सिल आदि तथा कोई अन्य वस्तु नहीं ले जा सकेंगे। ओ०एम०आर० शीट भरने एवं अन्य लेखन कार्य के लिए उन्हें पेन प्रश्न-पुस्तिका के साथ ही उपलब्ध कराया जाएगा।
*सतर्कता एवं चेतावनी*
सभी अभ्यर्थियों को आगाह किया जाता है कि वे सोशल मीडिया एवं अन्य किसी माध्यम से दुष्प्रचार अथवा झांसे में न आएं। यह एक प्रकार से साईबर फ्रॉड कर अवैध वसूली का माध्यम हो सकता है, इसकी सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना अथवा साईबर थाना को दें।
पर्षद के स्तर से किसी भी अभ्यर्थी को दूरभाष या मोबाईल अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्तिगत सम्पर्क नहीं किया जाता है। पर्षद एवं अभ्यर्थियों के बीच संवाद का माध्यम केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), बिहार की वेबसाईट अथवा अभ्यर्थियों के आवेदन में रजिस्टर्ड ई-मेल या मोबाईल नंबर पर प्री-रिकार्डेड ग्रुप संवाद ही हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी अन्य स्वरूप में उनसे कोई सम्पर्क करता है तो वे इसकी सूचना नजदीकी थाना को दें।
*बिहार विधान मण्डल द्वारा हाल ही में बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक, 2024 पारित किया गया है।*
इस अधिनियम द्वारा अभ्यर्थी, परीक्षा में संलग्न पदाधिकारी, किसी संस्थान अथवा व्यक्तियों द्वारा संगठित रूप में, तथा सेवा प्रदाता आदि के द्वारा परीक्षा की शुचिता को दूषित करने, प्रश्न-पत्र लीक करने, उत्तर-पुस्तिका आदि से छेड़-छाड़ करने, पररूपधारण, अनुचित साधनों को सुगम बनाने के लिए सुरक्षा उपायों का उल्लंघन करना या उनसे छेड़-छाड़ करना, धोखा देने या धनीय लाभ के लिए जाली वेबसाईट बनाना आदि अपराधों को दण्डनीय बनाया गया है।
इसमें अपराधों के लिए 03 वर्ष से 10 वर्ष तक की सजाओं तथा जुर्माना जो 01 करोड़ अथवा उससे अधिक भी हो सकता है जैसे कड़े प्रावधान हैं। साथ ही सेवा प्रदाताओं एवं अन्य संस्थानों के स्तर से संगठित रूप में किए गए अपराधों के लिए परीक्षा की समानुपातिक लागत की वसूली भी की जा सकती है और उनकी सम्पति की कुर्की और समपहरण भी किया जा सकता है।
यह सभी अपराध संज्ञेय, अजमानतीय और अशमनीय होंगे। इनका अनुसंधान पुलिस उपाधीक्षक या उनसे वरीय पदाधिकारी करेंगे।