पानी को तरस रहे हैं अनुमंडल कार्यालय आने वाले ग्रामीण
टिकारी से सुमीत कुमार मिश्रा टिकारी अनुमंडल मुख्यालय परिसर में अपनी समस्याओं के लिए प्रति दिन सैंकड़ों ग्रामीण आते हैं ,वहां पेय जल के लिए एक अदद चापाकल का नहीं होना ,एक आश्चर्य है। और उससे बड़ा आश्चर्य है कि पूरे अनुमंडल की चिंता करने वाले कई अधिकारियों का कार्यालय रहने के वावजूद किसी अधिकारी ने इस जनसमस्या का संज्ञान नहीं लिया है। इस परिसर में सामने की ओर एक चापाकल था जो अब चालू अवस्था में नहीं है। अधिकारियों और अन्य कर्मियों के लिए बाजार से आर ओ का पानी आता है। सोमवार को कार्यालय की शुरुआती समय से दोपहर एक बजे तक हर प्यासा आदमी बड़ी आस से चापाकल दो चार बार चलाता तो उसे अहसास होता कि यह खराब है। लोक शिकायत निवारण कार्यालय के पास दो घड़े रखे हुए थे पर उसमें पानी नहीं था। वहां से भी उन्हें निराश लौटना पड़ रहा था। करीब एक बजे जब आर ओ पानी की गाड़ी बाजार से आई तो उसमें पानी भरा गया जिससे पब्लिक भी अपनी प्यास बुझा सकी।
ग्रामीणों का कहना था कि इतनी तपती धूप में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली जनता की प्यास का अहसास यहां नियमित रहने वाले अधिकारियों को नहीं है,वे भला हमारी अन्य समस्याओं के लिए कितना संवेदनशील होंगे ,इसकी कल्पना की जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट होने पर आम आदमी के मन में यह भरोसा होता है कि अधिकारियों तक बात पहुंचने पर समस्या का हल हो जायेगा। पर वे अपने परिसर में पेय जल की समस्या के लिए चिंतित नहीं दिखते।