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झारखंड राज्य के पलामू जिले के पड़वा थाना अंतर्गत कजरमा गांव में प्रतिबंधित गौ मांस खाने के आरोपी को ग्रामीणों ने दबोचा।गाय की हड्डी बोरे में बांधकर देवी मण्डप के बगल में कुएँ में डाल दिया गया था,जिसकी बदबू आने पर ग्रामीणों ने देखा।

कार्यालय रिपोर्ट जिस एक परिवार पर आरोप लगा वाह पूरा परिवार अपने गांव से फरार है। एक आरोपी को पड़वा पुलिस ने पकड़ रखा है, आगे की पुलिसिया कार्रवाई जारी है। थाना प्रभारी रूपेश कुमार दुबे ने बताया की पूरी जानकारी जांच उपरांत ही दे पाएंगे ।

साथ में पाटन थाना के थाना प्रभारी प्रकाश कुमार भी थे, उनके साथ पाटन के इंस्पेक्टर बीडी पासवान भी उपस्थित थे। सैकड़ों की संख्या में लोग पुलिस आने के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थे जिसमें वनपाल पंचम दुबे भी मौजूद थे। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व जिला अध्यक्ष चंद्रवंशी जी और लोकसभा के 2019 के

उम्मीदवार विजय राम भी मौजूद थे ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख उमाकांत प्रजापति व खंड कार्यवाह गोविंदा प्रसाद, व्यवस्था प्रमुख छोटू कुमार सहित 20,25 स्वयंसेवक भी मौजूद थे ग्रामीणों के अनुसार विशेष जांच की कोई आवश्यकता ही नहीं है, बल्कि सब कुछ पानी की तरह साफ साफ झलक रहा है मामले की पूरी जानकारी के लिए पलामू जिले के एसपी भी नजर बनाए हुए हैं। जो अप्लीकेशन बनाया गया उसमें उसी पंचायत के मुखिया और पंचायत समिति सदस्य के साथ कुछ ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किया अब देखने वाली बात यह होगी की पुलिसिया कार्रवाई किस तरीके से होती है? अभी हाल में ही शनिवार की रात्रि को पाटन प्रखंड के किशुनपुर ओपी थाना अंतर्गत ढँगरडीहा गांव में कुछ शरारती तत्वों ने दुर्गा पूजा की तैयारी के लिए बनाए जा रहे मूर्ति को क्षत-विक्षत कर दिया। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश था। वहां ओपी इंचार्ज वीरेंद्र राम ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया जंघासी पंचायत के मुखिया पति सुरेंद्र सिंह, मनोज दुबे , रविंद्र पासवान के साथ कुछ ग्रामीणों ने कहा कि यह पहली घटना है की मूर्ति को क्षत-विक्षत किया गया है। इस पर कुछ ग्रामीणों ने कहा कि क्या और अगली घटना का इंतजार किया जाए तब जाकर के उसका संज्ञान लिया जाएगा ।इमली गाँव के निवासी श्रीकांत तिवारी जो किशुनपुर मंडल के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं। उनके द्वारा सवाल पूछे जाने पर ओपी इंचार्ज निकल गए। ऐसी घटना पूर्व में उसी गांव में स्थित शिव पहाड़ पर शिवालय में भी हो चुकी है। अज्ञात लोग पूर्व में भी ताला तोड़ने का काम कर चुके हैं। जिसकी सूचना तत्कालीन थाना प्रभारी को दी गई थी जिस पर शायद कोई कार्रवाई नहीं हो पाई जिसके कारण ऐसी गतिविधियों में संलिप्त लोगों की सोच को हौसला मिल रहा है। जिसका परिणाम सभी के सामने है

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