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बचपन की सांसों की सुरक्षा के लिए सतर्कता जरूरी: सिविल सर्जन

बच्चों में पीसीवी टीकाकरण पर जोर

किशनगंज,29(के.स.)जुलाई। बदलते मौसम और अस्थिर जलवायु के बीच बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए समय पर पहचान और टीकाकरण पर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष जोर दिया है। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि निमोनिया फेफड़ों में संक्रमण से होने वाली गंभीर बीमारी है, जो मुख्यतः छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा, “निमोनिया के शुरुआती लक्षण पहचान कर समय पर इलाज करने से बच्चों की जान बचाई जा सकती है। वहीं पीसीवी (Pneumococcal Conjugate Vaccine) टीका इस बीमारी की रोकथाम का सबसे कारगर उपाय है।”

राष्ट्रीय स्तर पर UIP के तहत पीसीवी टीकाकरण का विस्तार

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि पीसीवी टीका यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) के तहत 2017 से शुरू हुआ और दिसंबर 2021 तक पूरे देश में लागू कर दिया गया। यह टीका स्वास्थ्य मंत्रालय और GAVI के सहयोग से मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने कहा, “इस टीके से हर साल लगभग 50 हजार बच्चों की जान बचाई जा सकती है। 2023 में जिले में पीसीवी कवरेज 83% तक पहुंच चुका है, जबकि 2021 में यह केवल 25% था।”

स्थानीय स्थिति और सतर्कता

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में निमोनिया का कोई गंभीर मामला दर्ज नहीं है, लेकिन जिन बच्चों को पीसीवी का टीका नहीं लगा है, उनमें खतरा अधिक है। उन्होंने कहा कि मवाद वाली खांसी, तेज बुखार और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल ले जाएं।

निमोनिया के प्रमुख लक्षण

सिविल सर्जन डॉ. चौधरी के अनुसार:

  • तेज बुखार के साथ कपकपी
  • गाढ़ा या खूनयुक्त बलगम
  • सांस फूलना, सांस लेने में आवाज
  • होंठ व नाखून नीले पड़ना
  • पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बुखार नहीं भी आ सकता है, लेकिन खांसी व सांस लेने में कठिनाई मुख्य लक्षण हैं।

बचाव के उपाय

डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि निमोनिया से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका पीसीवी टीकाकरण है। इसके साथ ही बच्चों को मौसम अनुसार कपड़े पहनाने, भीड़-भाड़ से दूर रखने और पोषण पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।

‘सांस’ अभियान से जागरूकता

सिविल सर्जन ने बताया कि नवंबर 2019 से ‘सांस’ (SAANS) कार्यक्रम चल रहा है, जिसका उद्देश्य माता-पिता में निमोनिया के लक्षण और रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा, “जन्म के बाद दो साल के भीतर सभी टीके लगवाना बच्चों के लिए जरूरी है। पीसीवी टीका न सिर्फ निमोनिया से बचाता है, बल्कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।”

रिपोर्ट/धर्मेन्द्र सिंह

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