कोडरमा के जिमखाना क्लब में हो रहे ASI (दी एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ़ इंडिया) के तीन दिवसीय 22वें वार्षिक सम्मेलन का आज आखिरी दिन रहा।

अभिजीत दीप:- आज भी देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए सर्जन्स की उत्साह में कोई कमी नहीं थी सभी ने पूरे जोस के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस विशाल सभा के आयोजन में रांची के डॉo आशीष कुमार मोदी जो कि झुमरी तिलैया शहर के ही निवासी है और रांची के राज हॉस्पिटल्स में एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन है की प्रमुख भागीदारी रही। डॉ. आशीष कुमार मोदी ने बताया कि यह उनका सपना था कि वह कोडरमा में एसोसिएशंस ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया का एक वार्षिक सम्मेलन कराएं, जिसमें देश भर के सभी राज्यों के डॉक्टर अपनी प्रतिभागिता दे जिससे कि इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास तथा मरीजों को दी जाने वाली सर्जिकल उपचार में व्यापक उन्नति एवं विकास हो। ASI के झारखंड चैप्टर, कोडरमा के सेक्रेटरी डॉ. सुजीत कुमार राज ने बताया की इस तीन दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के प्रख्यात सज्जनों ने अपने अनुभवों का साझा किया जिससे हमें सर्जिकल उपचार के अन्य आयामों के बारे में पता चला जिसमें रोबोटिक सर्जरी भी है । इसके अलावा कैसे एक जनरल सर्जन अन्य सर्जिकल बीमारियों जैसे जले हुए बीमारी में , न्यूरो सर्जरी, ब्रेस्ट सर्जरी,ऑनकोसर्जरी, सर्जिकल उपचार की विभिन्न इकाइयों या विभिन्न डिसिप्लिन में किस तरह से मरीजों का एक प्रारंभिक उपचार कर के मदद कर सकते हैं ताकि जब मरीज को विशेषज्ञ सर्जन के पास ले जाया जाए तो मरीज और भी जल्दी ठीक होकर अपने घर जा सके l
आज का दिन ट्रॉमा केयर पर एक संगोष्ठी के साथ शुरू हुआ जिसमें सात अलग-अलग सर्जन, न्यूरो सर्जन – डॉ. विवेक राज, जनरल सर्जन डॉ. अजय कुमार, डॉ. संदीप कुमार, प्रोफेसर डॉ. आर एस शर्मा , ट्रॉमा सर्जन – डॉ. मृत्युंजय मुंडू ने भाग लिया जिस पर उन्होंने ट्रॉमा उपचार में तत्कालीन उपलब्धियों के बारे में चर्चा की।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रामानुज ने शिशुओं में पिछले युरेथरल वाल्व के उपचार और प्रबंधन में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए वहीं वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक कु. वर्मा ने अपने शोध पत्र में बताया की कैसे फ्रोजन सेक्शन सर्जन्स को इंट्राऑपरेटिव सर्जिकल निर्णय लेने में मदद करता है।
कार्यक्रम के अंत में पीजी मेडिकल छात्रों के द्वारा प्रतूत किए गए शोध पत्र , पोस्टर्स तथा क्विज कंटेस के विजेताओं को पुरुस्कृत किया गया ।
कार्यक्रम का अंत मे सभी डॉक्टरों को झुमरी तिलैया बांध के निकट मध्यान भोजन एवं मनोरंजन के साथ समाप्त हुआ ।
इस विशाल तीन दिवसीय समारोह का कोडरमा शहर पर व्यापक प्रभाव की उम्मीद की जा रही है और ये भी उम्मीद किया जा रहा है कि इससे यहां के मरीजों को बहुत फायदा होगा।