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इंदिरा गांधी के किसान विरोधी प्रावधानों का विरोध करने वाले ही अब बिना सोचे समझे किसान विरोधी कांग्रेसी नीतियों का समर्थन कर रहे !

रंजीत कुमार सिन्हा यह जो किसान आन्दोलन चल रहा है और इसके समर्थन के लिए जो बेबुनियाद मुद्दे खड़ें किये जा रहे हैं, इसके पीछे अगर कांग्रेस कुछ कुतर्क करे तो अलग बात है। क्योंकि, ये सारे किसान विरोधी और पूंजीपतियों, आढ़तियों, कालाबाजारियों और दलालों के पक्ष के कानून कांग्रेस ने बनाये है। अमेरिका की नकल करके कृषि बाजार समिति बनाने वाली कानून भी इंदिरा गांधी की ही देन है जिससे किसानों को बिना मतलब मंडियों को कमीशन भी देना पड़ रहा था और ऊपर से घूस और दलाली भी। किसानों को कष्ट में डालने वाली समस्त कानूनें कांग्रेस की ही देन है। किसानों से कर और कमीशन वसूलने वाली कांग्रेस ही है और किसानों की मंडियों में ठीकेदारी प्रथा चलाने वाली और दादागीरी की शुरुआत करने वाली भी कांग्रेस ही है। लेकिन, मुझे तब आश्चर्य होता है कि समाजवादी दल के सर्वेसर्वा डा0 लोहिया ने इसका विरोध किया था, और उसी समाजवादी दल से निकले राजद के अध्यक्ष लालू जी, शिवानन्द तिवारी जी समेत सत्तर के दशक के तमाम समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ता और भारतीय जनसंघ और विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं ने इसका सत्तर के दशक के आरंभ में किसान विरोधी कहकर विरोध किया था, आज वही सभी लोग उसी का समर्थन करने लग गये हैं। कम से कम कुछ तो समझिए कि यह कानून इंदिरा गांधी द्वारा लाये गये किसान विरोधी कानून को खत्म करने के लिये है। मोदी सरकार द्वारा यह कानून तो किसानों के हित के लिए बनाया गया है I

 

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