*केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में लूट मची है।*
नरकटियागंज प्रखंड के केहूनिया रोआरी पंचायत में मनरेगा योजना में मस्टरोल में बन रही मजदूरों की फर्जी हाजरी।
*इस खेल में मनरेगा कार्यालय से लेकर रोजगार सेवक की अहम भूमिका।
डी एन शुक्ला /पश्चिमी चंपारण जिले में मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने वाली केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना को मुखिया, पंचायत समिति सदस्य,मनरेगा पीओ, पंचायत रोजगार सेवक एवं पदाधिकारीओ के लिए कामधेनु गाय साबित हो रही हैं। इस योजना में भ्रष्टाचार मैं भ्रष्टाचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है यूँ कहे भ्रष्टाचार चरम पर है, साथ ही रोज़गार गारंटी योजना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
मामला पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज प्रखंड के ग्राम पंचायत केहूनिया रोआरी का है।नरकटियागंज प्रखंड के ग्राम पंचायत राज केहुनिया रोआरी के ग्राम सिसवा में प्राo विद्यालय से राजेंद्र राम के घर तक मिट्टी भर जिसका मस्टर रोल नंबर 4040 है। इस योजना में एनएमएमएस पर हर रोज 20 से 30मजदूरों की हाजरी बनाई जा रही है
आश्चर्य की बात तो यह है कि बारिश के समय भी हाजिरी बनाई जा रही है लेकिन जब कार्यस्थल पर मुआयना किया गया तो वहां कोई भी मजदूर उपस्थित नही पाया गया।वही स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां 10 रोज पहले ही मिट्टी का काम हुआ है कभी कभी एक चार पांच लोग आते हैं और फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं।
और वही एनएमएमएस पर हर रोज एक ही मजदूरों वाली फोटो लगाकर हर रोज 20 से 30मजदूरों की हाजरी बनाई जा रही है।
दिखाए गए मजदूरों की संख्या स्पष्ट रूप से योजना की विश्वनिता को कटघरे में खड़ा कर रहा है। पंचायत में भी रोजगार देने के नाम पर लूट हो रही है।इससे ज्यादा क्या कहूं। इस योजना को कामधेनु बनाने में सार्थक साबित होता दिख रहा है। अब सवाल यह उठता है कि,सरकार योजना बनाती है,उसे लागू कर राशि आवंटित भी करती है।इन योजनाओं को क्रियान्वयन के लिए विभाग के साथ ही अधिकारी एवं कर्मचारि के साथ एक बड़ी फौज निगरानी के लिए नियुक्त की है। इसके बावजूद अधिकारी इस योजना पर निगरानी करने के वजाय इस योजना का कमाई का एक स्रोत मान बैठे हैं।