जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में दूसरा अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन 2025 में आयोजित
ऋषिकेश पांडे /इस सत्र में घरेलू जल सेवाओं तक पहुंचने में तेजी लाने, सेवा स्तर के मानक अपनाने, योजनाओं की स्रोत स्थिरता और जल आपूर्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, व्यवहार्य संचालन और प्रबंधन सुनिश्चित करने, सेवाओं की डिलीवरी में प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने की रणनीतियों पर विचार विमर्श करने हेतु मुझे अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आमंत्रित किया गया।
जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में राज्यों के मंत्रीयों के इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही है। दो दिनों की चर्चा से हम जल संकट से निपटारा एवं जल संचय कैसे किया जा सके, इसका ठोस उपाय निकालने की दिशा में यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।
जल-जीवन-हरियाली 2019 में देश के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा एक स्पष्ट लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। जल जीवन मिशन यह केवल एक योजना नहीं है बल्कि यह नल के पानी से परे दृष्टि है जो यह पानी स्वास्थ और रोजगार के अवसरों तक पहुंच के माध्यम से जीवन को बदले में समुदायों विशेष रूप से महिलाओं और हासिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान के बारे में कहीं है।
बिहार में वर्ष 2019 से जल-जीवन-हरियाली योजना पर काम शुरू किया गया। जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से परेशान था। उस समय बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, श्री नीतीश कुमार ने अपने संसाधन से उक्त योजना की शुरूआत किया था तथा इसके लिए मानव श्रृंखला में 5 करोड़ से अधिक लोग 18 हजार किलोमीटर लम्बी कतार बनाकर पूरे देश और दुनिया को संदेश दिया और संकल्प लिया कि हर हालात में जलवायु परिवर्तन को रोकेंगे।
हमें प्राकृतिक से छेड़-छाड़ कम से कम हो इसका उपाय किया जाना अतिआवश्यक है। हमारे बिहार में जितने जल स्रोत थे उन्हें चिन्हित किया गया और उनके गाद को निकाल कर जल स्रोत बढ़ाया गया। जिसमें 47 हजार जल स्रोतों को चिन्हित कर 24 हजार पुराने जल स्रोतों को ठीक किया गया तथा राज्य में लगभग नये जल स्रोतों का सृजन कर अधिशेष नदी जल क्षेत्रों से जल के कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाना है। जिसमें 64 हजार से ज्यादा जल स्रोंतों का निर्माण कराया गया।
राज्य में कृषि कार्य में परम्परागत तरीके से फसलों को पानी मिले इसके लिए चेक डैम्प का निर्माण कराने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 12 हजार से ज्यादा चेक डैम्प बनाया जा चुका है। चेक डैम्प के निर्माण में बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और इस सफलता को देखते हुए इसे पूरे देश में लागू किया गया।
जल संचय के लिए लगातार बिहार में काम चल रहा है, तालाब, पोखर, पईन, नहर एवं छोटे-छोटे नदियों के गाद निकाल कर जल स्रोतों को पूणर्जिवित के साथ-साथ नये जल स्रोतों एवं चैड़ का निर्माण किया जा रहा है, खेत, पोखर, नहर, छोटी नदियों एवं चैड़ को भी ठीक किया जा रहा है।
रेन वाटर हार्वेसटींग के क्षेत्र में छत के वर्षा जल के साथ कुआँ, चापाकल के आगे सोखता का भी निर्माण बड़े पैमाने पर की जा रही है, जिसमें 37 हजार कुआँ, 2 लाख 3 हजार से ज्यादा चापाकलों के पास सोखता तथा 14 हजार से ज्यादा सरकारी भवन के छत वर्षा जल का संचय का कार्य किया जा रहा है।
कृषि के क्षेत्र में टपकन/सिंचाई से जल की बचत कर 45 हजार एकड़ में सिंचाई की जा रही है।
राज्य में जल जीवन हरियाली योजना के तहत 1 हजार 65 पौधाशाला का निर्माण तथा 17 करोड़ 80 लाख पौधे लगाये गये है।
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम भी निरंतर चलाया जा रहा है। प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया जाता है। राज्य से लेकर पंचायत स्तर तक परिचर्चा, गोष्ठी एवं संवाद कार्य एवं जागरूकता से संबंधित गतिविधि आयोजित की जाती है।
गंगा नदी के जल को बिहार के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल नालन्दा, राजगीर, नवादा और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के गया एवं बोध गया में धार्मिक कार्यों एवं पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
कैच द रेन द्वितीय चरण का शुभारम्भ समारोह में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कर्मभूमि बिहार के चम्पारण एवं भगवान बुद्ध के ज्ञान भूमि गया जिला को विज्ञान भवन नई दिल्ली मंे आयोजित तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में ईस्ट जोन अंतर्गत ग्राम पंचायतों के लिए महामहीम राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है।
साथ ही सचिव, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग जल शीर्ष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मुख्य सचिव, बिहार राज्य को चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में तृतीय पुरस्कार 17.06.2023 को माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीश धनखड़ द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रदान की गयी।
जल शक्ति अभियान कैच द रेन 2024 में निहित गतिविधियों पर राज्य के सभी जिलों में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है। साथ ही भविष्य में भी राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए इन गतिविधियों पर कार्य किये जाने का लक्ष्य है।
जल शक्ति से नारी शक्ति को साकार करने के लिए बिहार राज्य के जीविका दीदीयों के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। यह पूरे देश के लिए जल सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने में महिलाओं का बड़ा योगदान है।
जल है तो जीवन है।