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शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (C) का भोजपुर जिला समेत पुरे राज्य में अक्षरसः लागू करने के लिए नेता विधायक दल कॉमरेड महबूब आलम और कॉमरेड मनोज मंज़िल नें मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन ।

गुड्डू कुमार सिंह-शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (C) अधिकांश पंजीकृत निजी विद्यालय द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत निजी स्कूलों में एन्ट्री-लेवल पर 25 प्रतिशत सीटें उन विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं जो सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा लगभग 7000 से 8000/- रुपया प्रति छात्र प्रति वर्ष स्कूलों को दिया जाता है और इस निमित्त बिहार सरकार द्वारा राज्य में 100 करोड़ की राशि भी जारी की गई है। परंतु देखा जा रहा है कि जिले के अधिकांश प्राइवेट स्कूलों द्वारा इस सन्दर्भ में पारदर्शिता नहीं अपनाई जा रही है। किसी भी जिले में में कहीं भी शिक्षा के अधिकार के इस अधिनियम का अक्षरसः पालन नहीं हो रहा है जिससे वंचित समाज के बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित हो रहे हैं ।

UDISE (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फ़ॉर एजुकेशन प्लस) के रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 337499 और बिहार में 7630 रजिस्टर्ड स्कूल हैं,बिहार में उक्त प्रावधान के अंतर्गत औसतन प्रति स्कूल 45 बच्चों का नामांकन होता है,इस प्रकार वर्तमान में कुल नामांकित कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 342994 होता है,सरकार को 342994 बच्चों के विवरण सहित जिलावार सूची शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जारी करनी चाहिए ।

शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (C) को राज्य में अक्षरसः लागू करवाते हुए हर जिला समाहरणालय/जिला शिक्षा पदाधिकारी के वेबसाईट पर स्कूलवार छात्र एवं विहित प्रक्रियाओं का विवरण अपलोड की जाय ताकि पारदर्शिता लागू हो I राज्य के सरकारी धन का उचित उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित हो।

ज्ञापन को पढ़ने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि निजी स्कूलों में पालन नहीं हो रहा है तो हम इसका जांच करवाते हैं ।

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