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आयुक्त की अध्यक्षता में पीएमसीएच के रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/01 दिसम्बर, 2024 से 15 जून, 2025 तक ओपीडी में 2,46,231 मरीजों को देखा गया; 11,58,077 पैथोलोजी टेस्ट किया गया

आयुक्त ने किया पीएमसीएच में विभिन्न वार्डों का निरीक्षण, रोगियों एवं परिजनों से लिया फीडबैक

सुदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुलभ कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी स्टेकहोल्डर्स रोगियों के कल्याण के प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें; जरूरतमंदों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए विशेष प्रयास करेंः आयुक्त
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प्रबंधन में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व तथा वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश
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पटना, बुधवार, दिनांक 18.06.2025ः आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना -सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति, पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि सृदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। अस्पताल के सुचारू काम-काज एवं सुविधाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। वे आज पीएमसीएच परिसर में एल एण्ड टी कंस्ट्रक्शन कार्यालय के सभाकक्ष में पीएमसीएच के रोगी कल्याण समिति की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। आयुक्त ने कहा कि विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सम्पूर्ण तंत्र तत्पर रहे। प्रभावी, कुशल एवं उत्तरदायी प्रणाली को क्रियाशील रखें।

प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा बैठक के बाद विभिन्न वार्डों का निरीक्षण भी किया गया तथा रोगियों एवं उनके परिजनों से फीडबैक भी लिया गया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 3 मई, 2025 को पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) पुनर्विकास परियोजना (फेज-1) अंतर्गत अस्पताल भवन के टावर (I) एवं (II) में 1,117 शैय्या के अस्पताल का उद्घाटन किया गया था। इन दो नए भवनों के उद्घाटन से मरीजों को उत्कृष्ट सुविधा प्राप्त हो रही है। पीएमसीएच पुनर्विकास परियोजना के तहत शेष कार्यों को मार्च, 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है जिसके बाद 5,462 बेड की सुविधा के साथ पीएमसीएच देश का सबसे बड़ा एवं विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि अभी पीएमसीएच परिसर में भवनों का निर्माण, वार्डों एवं कक्षों का शिफ्टिंग तथा मरीजों का इलाज एक साथ चल रहा है। रोगियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं है। निरीक्षण में व्यवस्था संतोषजनक पायी गयी। अधीक्षक को मरीजों की हर सुविधा का ख्याल रखने का निदेश दिया गया है।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि नवनिर्मित दोनों भवनों में 10 विभाग का ओपीडी शिफ्ट कर दिया गया है। औषधि, जिरियाट्रीक, मेडिसीन, पीएसएम, शिशु, कार्डियोलॉजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, पीएमआर, दंत, चर्म एवं रति रोग, कान, नाक एवं गला वाह्य विभाग का संचालन किया जा रहा है। अन्य विभागों का भी ओपीडी स्थानांतरण प्रक्रियाधीन है। 30 जून तक नवनिर्मित भवनों में इमर्जेंसी/आईपीडी का संचालन किया जाना प्रस्तावित है। आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा परियोजना निदेशक एल एण्ड टी को तेजी से कार्य कराने का निदेश दिया गया। अधीक्षक को अन्य विभागों के इमर्जेंसी को नए भवन में प्राथमिकता के आधार पर यथाशीघ्र क्रियाशील करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि आज रोगी कल्याण समिति की बैठक के बाद उन्होंने इन दोनों भवनों का निरीक्षण भी किया। विभिन्न वार्डों, कक्षों एवं ओपीडी का निरीक्षण किया गया। मरीजों एवं परिजनों से फीडबैक भी लिया गया। साथ ही यहाँ काम करने वाले चिकित्सकों एवं कर्मियों से संवाद स्थापित किया गया। सभी संतुष्ट हैं। राज्य सरकार द्वारा मरीजों की चिकित्सा हेतु बेहतर-से-बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि कुछ समस्याएँ भी हैं जिसका समाधान किया जा रहा है। जेपी गंगापथ एवं मखनिया कुँआ के रास्ते पीएमसीएच आने के मार्ग को अतिक्रमणमुक्त रखने का निदेश दिया गया है। इसके लिए अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) को नियमित तौर पर अभियान चलाने का निदेश दिया गया है। आयुक्त ने कहा कि मरीजों को आवागमन में कोई परेशानी न हो इसके लिए पीएमसीएच को जेपी गंगापथ से जोड़ा गया है। साथ ही अशोक राजपथ से नवनिर्मित डबल-डेकर फ्लाईओवर से भी पीएमसीएच की कनेक्टिविटी का कार्य हो रहा है। बीएमएसआईसीएल द्वारा बनाए जा रहे तीन एमएलसीपी (मल्टी लेवल कार पार्किंग) से पीएमसीएच तीन स्थानों पर डबल-डेकर फ्लाईओवर से जुड़ जाएगा। इससे रोगियों, परिजनों एवं चिकित्सकों को आने-जाने में काफी सुविधा होगी। आयुक्त डॉ. सिंह द्वारा पुलिस उपाधीक्षक (यातायात) को अस्पताल के नजदीक पार्किंग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया ताकि एम्बुलेंस एवं परिजनों को वाहन लगाने में कोई समस्या न हो। अस्पताल के इन्ट्री एवं एक्जिट को अवरोधमुक्त रखने का निदेश दिया गया। ट्रैफिक पोस्ट के संचालन हेतु विधिवत कार्रवाई करने तथा अस्पताल प्रशासन से समन्वय स्थापित रखने का निदेश दिया गया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रोगियों को भर्ती होने में पीएमसीएच में कोई समस्या नहीं होती है। अस्पताल द्वारा सुविधाजनक ढंग से मरीजों को एडमिट कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी चिकित्सा संस्थान जब गंभीर हालत में रोगियों को दूसरे संस्थान में रेफर करे तो उस संस्थान के प्रमुख या उनके प्रतिनिधि को रेफर किए जाने वाले संस्थान के प्रमुख या उनके प्रतिनिधि से सम्पर्क कर लेना चाहिए। यह रेफरल पॉलिसी भी कहता है तथा व्यावहारिक एप्रोच भी है। ऐसे रोगियों को समय पर सभी सुविधा भी प्राप्त हो जाएगी। आयुक्त ने कहा कि मरीजों को उत्कृष्ट सुविधा प्राप्त हो यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। हर एक हितधारक अपनी-अपनी भूमिका का भली-भाँति निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि पीएमसीएच प्रशासन द्वारा आपातकालीन इकाई/विभागों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया/एसओपी का निर्धारण किया गया है। सभी संबंधित पदाधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। ट्राईएज के सफल संचालन हेतु अस्पताल के उपाधीक्षक को मुख्य आकस्मिक चिकित्सा पदाधिकारी क रूप में नामित किया गया है। ट्राईएज में आने वाले मरीजों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उपरांत संबंधित विभाग द्वारा संचालित इमरजेंसी (सेकेंड्री यूनिट) को भेेज दिया जाएगा जहाँ संबंधित विभाग में कार्यरत एसओडी/पीओडी के द्वारा मरीज को भर्ती कर तत्काल आगे का ईलाज सुनिश्चित किया जाएगा। ट्राईएज में चिकित्सकों एवं कर्मियों की पालीवार ड्यूटी लगाई गई है तथा ये सभी आईजीसीसी कंट्रोल रूम में उपस्थिति पंजी में पालीवार निर्धारित ड्यूटी के अनुसार अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। सभी चिकित्सक एवं कर्मी पालीवार अपनी ड्यूटी के दौरान हैण्डओवर-टेकओवर कर के ही अपनी ड्यूटी से प्रस्थान करेंगे। आयुक्त डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि सभी इसका अनुपालन सुनिश्चित करें।

अधीक्षक, पीएमसीएच द्वारा प्रमंडलीय आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि पीएमसीएच में भर्ती मरीजों को वार्ड में स्थानांतरण, मरीजों की जाँच का कार्य, डॉक्टर्स कॉल तथा अस्पताल में दवा सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 02 (दो) वाहन/एम्बुलेंस की आवश्यकता है। प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा अधीक्षक को वितीय नियमों का अक्षरशः अनुपालन करते हुए 02 एम्बुलेंस क्रय करने का निदेश दिया गया। शव वाहन उपलब्ध कराने हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति को अनुरोध पत्र भेजने का निदेश दिया गया।

आयुक्त ने कहा कि दूर-दराज और वंचित समुदाय के लोगों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा ही एक मात्र स्रोत है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी प्रणाली की रीढ़ है, जो सभी नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के इलाज को प्राथमिकता दी जाए।

आज के इस बैठक में रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्तावित एजेंडा पर एक-एक कर चर्चा की गई। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं एवं एम्बुलेंस की उपलब्धता, इमर्जेंसी, ऑपरेशन, पैथोलोजी, एमआरआई, अल्ट्रासाउण्ड एवं अन्य सुविधा, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर अधीक्षक, पीएमसीएच-सह-सदस्य-सचिव, रोगी कल्याण समिति, पीएमसीएच द्वारा उपस्थापित प्रस्तावों एवं प्रतिवेदन पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की।

अधीक्षक, पीएमसीएच द्वारा आयुक्त डॉ. सिंह के संज्ञान में लाया गया कि दिनांक 02.12.2024 को आयोजित रोगी कल्याण समिति की विगत बैठक में आयुक्त द्वारा दिए गए निदेशों का सम्यक अनुपालन किया गया है। रोगियों के कल्याण हेतु सम्पूर्ण तंत्र सजग एवं सतत प्रयत्नशील है। अस्पताल में आने वाले रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराते हुए समुचित इलाज की सुदृढ़ व्यवस्था है। इमरजेन्सी में आने वाले मरीजों का समुचित इलाज किया जाता है।

अधीक्षक, पीएमसीएच द्वारा आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि अस्पताल में मरीजों के लिए एक्स-रे, ब्लड, इको, ईसीजी, ईईजी, हॉल्टर, एंजियोग्राफी, अल्ट्रासाउण्ड, पी.टी.ए., कोविड, सीटी-स्कैन, एमआरआई, टीएमटी एवं मैमोग्राफी की जाँच की उत्कृष्ट सुविधा उपलब्ध है। 01 दिसम्बर, 2024 से 15 जून, 2025 तक ओपीडी में 2,46,231 मरीजों को देखा गया। ओपीडी के माध्यम से भर्ती किए गए 36,144 मरीजों को आईपीडी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। इसी अवधि में 11,58,077 पैथोलोजी टेस्ट किया गया। 6,486 मेजर ऑपरेशन तथा 16,399 माईनर ऑपरेशन किया गया। 68,500 मरीजों को इमर्जेन्सी में देखा गया। सामान्य प्रसव की संख्या 736 तथा सिजेरियन सेक्शन की संख्या 1,120 है। 4,427 एमआरआई (पीपीपी मॉडल); 11,417 सीटी स्कैन (पीपीपी मॉडल); 26,488 यूएसजी; 52,523 एक्स-रे तथा 4,094 डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी गई। मरीजों के लिए सभी आवश्यक (लगभग 378 प्रकार की) दवाओं की आपूर्ति की जाती है। प्रत्येक वार्ड एवं इमर्जेंसी वार्ड में स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था है।

आयुक्त डॉ. सिंह ने उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल को निदेश दिया कि अस्पताल में दवा की पर्याप्त उपलब्धता सदैव सुनिश्चित रहे। मरीजों की संख्या के अनुपात में तथा आवश्यक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति हो। दवा आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी स्थिति में कोई व्यवधान नहीं आए। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार उपकरणों की आपूर्ति, विभिन्न विभागों में आधारभूत संरचनाओं एवं अन्य समस्याओं के निराकरण कार्य में तत्पर रहें। प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल को इन सबका समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि पटना नगर निगम द्वारा अस्पताल परिसर का नियमित तौर पर तथा समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई सुनिश्चित किया जाए। नगर कार्यपालक पदाधिकारी, बांकीपुर अंचल पीएमसीएच के अधीक्षक से समन्वय स्थापित कर इसे सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने नगर आयुक्त को पीएमसीएच परिसर में साफ-सफाई की गतिविधियों का अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

आयुक्त ने अधीक्षक को जैव चिकित्सा अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों के इलाज हेतु उत्कृष्ट सुविधा प्रदान करने के लिए उनके स्तर से स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा बीएमएसआईसीएल से नियमित तौर पर समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। मरीजों के कल्याण हेतु सम्पूर्ण तंत्र तत्पर है।

आयुक्त ने कहा कि रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज-केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर ज़रूरतमंद व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इस दिशा में तत्पर रहने का निर्देश दिया।

इस बैठक में आयुक्त-सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति के साथ अपर नगर आयुक्त, पटना नगर निगम क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएँ, पटना प्रमंडल, पटना; अधीक्षक, पीएमसीएच डॉ. आईएस ठाकुर; आईएमए के प्रतिनिधि, अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था), उपाधीक्षक, पीएमसीएच, उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल; क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य पटना प्रमंडल, पटना एवं रोगी कल्याण समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

 

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