आयकर आयुक्त बिहार और झारखंड के आदेश दिनांक 11.01.2002 के त्रुटि को 22 वर्षों मे भी सुधार नहीं किया गया और जिसके कारण हम अस्थाई कर्मचारी को अस्थाई दर्जा के साथ मिलने वाले लाभ से अब तक वंचित रखा गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –लगभग 20 से 28 वर्षों से आयकर विभाग मे कार्यरत अस्थाई कर्मचारी (casual worker) को मुख्य आयकर आयुक्त बिहार और झारखंड के आदेश दिनांक 11.01.2002 के त्रुटि को 22 वर्षों मे भी सुधार नहीं किया गया और जिसके कारण हम अस्थाई कर्मचारी को अस्थाई दर्जा के साथ मिलने वाले लाभ से अब तक वंचित रखा गया है। हम अस्थाई कर्मचारियों की मांग है की हमे अस्थाई दर्जा के साथ मिलने वाले भत्ता को तुरंत लागू किया जाय। इसके साथ ही हमारी कुछ और मांग है जो नीचे दिया गया है:-
1. हमारे लाभ का बकाया राशि वर्ष 2002 से अब तक का हमे किया जाय । भुगतान
2. हम अस्थाई कर्मचारियों की नियमित करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी
की जाय । 13. हम अस्थाई कर्मचारियों को 20 वर्षों से अधिक समय से काम करने के
बावजूद हमे पहचान पत्र अब तक नहीं दिया गया। 4. हम अस्थाई कर्मचारियों को 20 वर्षों से अधिक समय से काम करने के बावजूद हमें कर्मचारी भविष्य निधि कवरेज नहीं दिया गया जिसके हम
हकदार है।
इसके लिए हमलोग दिनांक 24.04.2023 से लगातार भोजन अवकाश के समय 1:30 दोपहर से 2:00 बजे दोपहर तक कर्म तपस्या कर रहे है, हम इस कर्म तपस्या के जरिए प्रशासन और भारत सरकार तक ये संदेश देना चाह रहे है की हमलोगों के साथ जो 20 से 28 वर्षों से अन्याय हो रहा है उसपर उचित कारवाही की जाय ।
हमलोग आप के माध्यम से ये संदेश भारत सरकार को देना चाहते है ताकि हमलोगों के साथ न्याय किया जाय।
हमलोगों को उम्मीद है की आप हमारे साथ है।