भ्रष्टाचार

कौआ वारा नवसृजित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बच्चों का निवाला भी खा जाते हैं।….

अरविंद मिश्रा:-चौकिए मत मध्यान भोजन में लूट मचा हुआ है, हद तो यह हो गया, शिक्षा के मंदिर में अगर गुरुजी ही बच्चे का निवाला खा जाए तो फिर बचा क्या, आज भ्रष्ट गुरुजी के वजह से शिक्षा विभाग भी और बिहार के मुख्यमंत्री भी हो जाते हैं।

राजू रविदास प्रधानाध्यापक

शर्मशार, नवादा का शिक्षा विभाग सदा सुर्खियों में रहा, एक सर्टिफिकेट पर 25 नौकरी, बिना शिक्षक रहे हुए भी ड्यूटी में लगाना, फर्जी पेमेंट होना, बितीय अनिमीयता, जैसे कई गंभीर मामले पर केवल सच में प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया, लेकिन भ्रष्टाचार के आकंठ डूबे हुए, शिक्षा विभाग के भ्रष्ट पदाधिकारी और भ्रष्टाचार के संरक्षक के मिली भगत से बच्चों के भी मध्यान भोजन प्रधानाध्यापक गटक जाते हैं, और यह हाल है।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, meskour

नवादा जिला के मेस्कोर प्रखंड के तेतरिया पंचायत अंतर्गत कौवावारा नवसृजित प्राथमिक विद्यालय 31 अगस्त को विद्यालय बंद था, केवल सच के पत्रकारों की टीम 31 अगस्त के दिन कई विद्यालयों को निरीक्षण किया, जिसमें 1:40 में पाया गया कि कौवावारा विद्यालय में ताला लटका हुआ है, मजे की बात तो यह है कि विद्यालय बंद में 73 बच्चों ने मध्यान भोजन के तहत खाना खाया, केवल सच के पत्रकार द्वारा जो फोटो खींचा गया है।

ताजुद्दीन साधन सेबी

उसमें समय सारणी भी है, और हद तो यह है कि जहां मध्यान भोजन बनता है वह चूल्हा तो लगता है कि महीनो से उपयोग नहीं किया गया है, क्योंकि रसोई घर का दरवाजा हमेशा खुला रहता है, और चूल्हा के पास बकरी का मल मूत्र से भरा हुआ है, मानना पड़ेगा जिनके कंधों पर विद्यालय की देखरेख की जिम्मेदारी साधन सेवी ताजुद्दीन को है, उन्होंने भी मध्यान्ह भोजन के रजिस्टर पर हस्ताक्षर बना दिए हैं कि 73 बच्चों ने खाना खाया, लगता है कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारी हो या साधनसेवी किन्ही को ना डर सरकार से है ना जिला के वरिष्ठ पदाधिकारी से है, और ना अपर सचिव शिक्षा विभाग के0 के0 पाठक से है, जब इस संदर्भ में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी से बात करने का प्रयास किया तो V,C चल रहा है कहकर, फर्ज को पूरा कर दिए, कौवावारा जैसे सैकड़ो विद्यालय में इसी तरह से मध्यान भोजन में लूट ,खसोट मचा हुआ है, बच्चों के खेल में सामग्री में भी लूट है, के0के0 पाठक आ जाएं, या कोई अन्य पदाधिकारी ऐसे भ्रष्टाचारियों को कुछ होनेवाला वाला नहीं है।

क्योंकि भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत है की सफेदपोशों और भ्रष्ट पदाधिकारी के संयुक्त मेल से बड़े-बड़े ,घपले घोटाले नित्य जारी है, छात्रों के भविष्य का निर्माण कर्ता ही बच्चों का निवाला अजगर की तरह चटक जाए तो, शिक्षा विभाग की गुणवत्ता ही क्या होगा, नवादा के जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर,डीपीओ, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मेस्कोर, सभी को जानकारी देने के बाद भी प्रधानाध्यापक कर कोई कार्रवाई नहीं होना अत्यंत दुखद है।

पता चला है कि इस प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, और साधन सेवी ताजुद्दीन की रशुख बड़े-बड़े पॉलीटिशियनों से है, इसलिए शिक्षा विभाग में कितना भी गलत क्यों नहीं हो, सभी को बचाने का जिम्मा ले चुके हैं, ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी के सहयोग से गलत काम करने वालों का मनोबल बढ़ेगा,और सरकार की योजनाओं में लूट खसोट बना रहेगा। अरविंद मिश्रा की रिपोर्ट।

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