बिहार सरकार एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय छात्र कल्याण के आदेश का अवहेलना कर रहा महाविद्यालय।…
गुड्डू कुमार सिंह:-गडहनी। आज के समय मे महाविद्यालय मे वर्ग संचालन ना के बराबर रह गया है जिससे छात्रों को पठन-पाठन व अध्ययन मे काफी परेशानियों का सामना करना पड रह।यह स्थिति खासकर प्राइवेट, एफिलिएटिड महाविद्यालयों मे अधिकतर देखने को मिल रही है।एक कहावत है बिना मेह के दंवरी।जिस महाविद्यालय मे प्राचार्य ही समय से नही आते कई दिनो तक ड्यूटी से गायब रहते हैं उस महाविद्यालय मे प्रोफेसर डेमोस्ट्रेटर छात्र कहां से आयेंगे।अक्सर यही देखा जा रहा है कि नामांकन और परीक्षा फार्म भरने के समय महाविद्यालयों मे भीड इक्कठी होती है।सबसे बडी आश्चर्य कि बात है कि प्राइवेट संस्थाओं मे छात्रों का आर्थिक शोषण भरपुर किया जाता है।वहीं एक सच जन सहकारी महाविद्यालय बराप गडहनी भोजपुर से सामने आ रही है।छात्रा सोनम कुमारी बताती है कि हमने ऑनलाइन बी ए पार्ट टु का परीक्षा फार्म भरा।फार्म भेरीफाई कराने जब महाविद्यालय गई तो प्राचार्य डाॅ संजय कुमार राय एवं अन्य कर्मियों के द्वारा 1350 रूपया अतिरिक्त शुल्क मांगा गया जबकि बिहार सरकार एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा छात्र कल्याण के पत्रांक DSW/34/24 दिनांक 13/04/2024 एवं विभागीय संकल्प संख्या 1457 दिनांक 24/7/2015 एवं CWJC नम्बर 815/2020 रंजीत पंडित बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के न्यायादेश के आलोक मे किसी भी एससी एसटी एवं छात्राओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नही लिया जाना है।अगर महाविद्यालय द्वारा शुल्क लिया जाता है तो यह बिहार सरकार और विश्वविद्यालय छात्र कल्याण के आदेश का अवहेलना माना जायेगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।छात्रा ने बिहार सरकार एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय छात्र कल्याण के अध्यक्ष का ध्यान आकृष्ट करते हुए मांग किया है कि छात्र हित को ध्यान मे रखते हुए अवैध वसुली पर रोक लगायें और दोषियों पर विधि सम्मत कारवाई करने का कष्ट करें जिससे छात्रों का अर्थ के अभाव मे पठन-पाठन बाधित नही हो सके।