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पीडीएस दुकान से घटिया चावल का हो रहा वितरण, बढ़ी परेशानी….

-लाभूक पीडीएस दुकानों से घटिया चावल खरीदकर खाने पर है मजबूर

-घटिया खराब चावल खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर पड सकता है बुरा असर

गुड्डू कुमार सिंह :-गड़हनी – भोजपुर जिले के गड़हनी प्रखंड अन्तर्गत एफसीआई और जन वितरण प्रणाली दुकानो पर मिलने वाली अनाजों की गुणवत्ता पर सवालिया नजर खाड हो गई है।मोदी सरकार की ऐसी की तैसी कर देने वाली इस घटिया सिस्टम से लाभूको मे नाराजगी ब्याप्त है।लाभूक इस सिस्टम का बिरोध करने से डरे सहमे रहते है।इसके पीछे का कारण यह होता है कि जो भी थोडी बहुत गला सडा अनाज मिलता है बिरोध के बाद वह भी गायब हो जायेगा।पीडीएस दुकानदार पहले ही लाभूको के मन मे डर पैदा कर दिए हैं जिससे वे खुलकर सामने नही आ पाते।हालांकि कुछ ऐसे भी लाभूक हैं जो अपने हक की लडाई लडते हुए स्थानीय पदाधिकारियों से इसकी शिकायत करते हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा कारवाई तो दुर जांच पड़ताल भी नही किया जाता।लाभूकों की माने तो इन अधिकारियों की मिलीभगत से ही पीडीएस दुकानदार मिलावटी का खेल खेलते रहते हैं और अपनी मनमानी करने से बाज नही आते।सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम अनाज का वितरण करना, वाउचर नही देना, राशनकार्ड मे हेराफेरी कर इधर का माल उधर करना, लाभुकों का शोषण करना ही इन पीडीएस दुकानदारों की पेशा बन कर रह गई है।लाभूक बताते हैं कि पीडीएस दुकानो से मिलने वाले अनाज चावल गेहं मे आंकड पत्थर के छोटे छोटे कण मिला रहता है साथ ही कचडा, चावल की खुदी भी मिलाया हुआ रहता है।कभी कभी तो सडा गला ऐसी घटिया चावल वितरण किया जाता है कि जानवर भी उसे खाने से मुंह मोड लेते हैं।स्थिति यह है कि पीडीएस दुकान से मिल रही घटिया चावल के खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पडने की संभावना बनी रहती है फिर भी गरीब मजबूर वर्ग के लोग पेट की आग बुझाने के लिए और जीवन के कुछ पल जीने के लिए इन मिलावट भरी अनाज को ग्रहण कर अपनी क्षुधा को तृप्त करते हैं।

इस मामले को लेकर लाभुकों ने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से शिकायत भी की है, लेकिन अधिकारी संबंधित लोगों के विरुद्ध में कार्रवाई करने के बजाय कान में तेल डालकर सोए हुए हैं और इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस पूरे मामले पर अधिकारियों की साफ तौर पर निष्क्रियता देखा जा रहा है। अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुके हैं। सरकारी अधिकारियों के इस मामले पर गंभीर नहीं होने के कारण लाभुकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है और पीडीएस दुकानदारों का मनोबल और बढ़ता जा रहा है। सरकारी अधिकारियों के संरक्षण में पल रहे पीडीएस दुकानदार मौज काट रहे हैं। लोगों का मानना है कि पीडीएस दुकानदारों के खिलाफ में कार्रवाई इसलिए नहीं हो रहा है, क्योंकि पीडीएस दुकानदार लाभुकों के हक मे से कटौती कर अधिकारियों को नजराना भेंट चढाते हैं और अधिकारियों ने चंद पैसों में अपने ईमान को दुकानदारों के हाथों बेच दिया है। लोगों का मानना है कि घटिया चावल के खाने से लोगों की तबीयत बिगड़ने की संभावना बनी रहती है और श्मशान का मुंह भी देखना पड सकता है। गड़हनी में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की जमकर धजियां सरकार के अधिकारी और कर्मचारी ही उड़ा रहे हैं। गड़हनी में लोगों के बीच में हो रहे घटिया चावल के मामले पर विभाग के अधिकारी रत्ती भर भी गंभीर नहीं है। स्थानीय लोगों ने मांग किया है कि विभाग के जिन अधिकारियों के कारण इलाके के बीपीएल परिवारों के बीच में घटिया चावल का वितरण किया जा रहा है। उन सभी अधिकारियों पर विभाग के नियम के अनुसार कार्रवाई की जाए, ताकि और बीपीएल परिवारों के साथ अन्याय ना हो सकें।

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