राजनीति

आरक्षण, जातिगत गणना को लेकर तेजस्वी का खत झूठ का पुलिंदा, आरजेडी ने हमेशा की दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों की हकमारी: जद(यू)

पटना डेस्क:-जद(यू) प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता श्री निहोरा प्रसाद यादव, प्रदेश प्रवक्ता श्री निखिल मंडल और श्री मनीष यादव ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट इम्तियाज अहमद अंसारी भी मौजूद थे। मीडिया को संबोधन के दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव के आरक्षण और जाति आधारित गणना को लेकर जारी पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया। उन्होंने तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सच्चाई तो ये है कि, इनलोगों ने हमेशा से दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करने का काम किया और इन्हें अपना वोट बैंक समझा।

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि, पत्र जारी करने से पहले तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के शासनकाल को याद कर लेना चाहिए। साथ ही अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से ये सवाल करना चाहिए कि, उन्होंने अपने शासनकाल में कितने दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों का आरक्षण देने का काम किया। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो ये है कि लालू यादव ने दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण देने की बजाय अपने परिवार को राजनीतिक आरक्षण दिया और परिवार के छह सदस्यों को राजनीतिक रोजगार देने का काम किया।

इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव पर युवाओं को नौकरी देने के फर्जी दावे पर सवाल उठाए और कहा कि तेजस्वी यादव को जिन-जिन विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी उन्होंने उन विभागों में कितनी नौकरियां दी, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जिस शिक्षकों की नियुक्तियों का वो झूठा क्रेडिट लेना चाह रहे हैं उसकी सच्चाई ये है कि उनके कोटे से शिक्षा विभाग के मंत्री ने तो नौ महीनों तक विभाग का मुंह तक नहीं देखा था। पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव के संविधान खत्म होने के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को इतिहास का ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि आज तेजस्वी यादव जिस कांग्रेस की गोद में बैठकर राजनीति कर रहे हैं उसी कांग्रेस ने संविधान का 42वां संशोधन कर संविधान की आत्मा को मारने का काम किया था।

इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव से कुछ सवाल पूछे:

1. तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या उन्होंने जाति आधारित गणना को लेकर सरासर झूठ नहीं बोला? जबकि सच्चाई ये है कि बिहार में जाति आधारित गणना माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की सोच थी और उन्होंने इसको लेकर विधानसभा की सहमति के बाद अपने संसाधनों के बल पर राज्य में जाति आधारित गणना को सफलतापूर्वक कराया?

 

2 . तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि, जाति आधारित गणना कराकर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने राज्य में पिछड़ों और अति पिछड़ों, दलितों के लिए आरक्षण का दायरा भी बढ़ाया? जबकि तेजस्वी यादव इसका झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं?

3. क्या ये सही नहीं है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने लालू यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाए जाने में मदद की थी? लेकिन मुख्यमंत्री बन जाने के बाद वो अति पिछड़ों को आरक्षण खत्म करने की सोच रहे थे?

4. तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि, कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़ों और अति पिछड़ों को अलग-अलग आरक्षण देने का प्रावधान किया था? मगर लालू यादव चाहते थे कि, अति पिछड़ों को अलग से आरक्षण ना देकर उन्हें पिछड़ों में ही शामिल कर लिया जाए?

5. तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि, आज खुद के पिछड़ों के हिमायती कहलाने की असफल कोशिश कर रहे लालू प्रसाद यादव ने दरअसल दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण का लाभ देने का काम नहीं किया? उनका आरक्षण माॅडल परिवार तक सीमित है?

6. क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव ने पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को आरक्षण देकर सीएम बनाया, उसके बाद अपने बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को आरक्षण दिया और उन्हें डिप्टी सीएम और मंत्री बनाने का काम किया?

7. आज चुनाव के समय तेजस्वी यादव को दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के आरक्षण की बात याद आ रही है। वो ये बताएं कि क्या कभी तेजस्वी यादव ने आरक्षण के कर्पूरी फाॅर्मूले को पूरे देश में लागू करने के मकसद से आंदोलन चलाया? क्या कभी तेजस्वी यादव ने पिछड़ा वर्ग में से अति पिछड़ा वर्ग के वर्गीकरण के लिए देश भर में कोई मुहिम चलायी?

8. तेजस्वी यादव ये बताएं कि आज जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने वाले लालू प्रसाद यादव के दिल में ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर के प्रति घोर दुराग्रह नहीं था?

9. तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या उनकी पार्टी आरजेडी हमेशा से महिला आरक्षण की विरोधी नहीं रही है? क्या ये सच नहीं है कि उन्हीं की पार्टी के एक सांसद ने लोकसभा में महिला आरक्षण की प्रति को फाड़कर फेंकने का काम किया था?
10. क्या ये सही नहीं है कि खुद को दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ा समुदाय का हितैषी होने का झूठा दावा करने वाले आपके पिता लालू प्रसाद यदाव ने ज्यादातर इन्हीं समुदाय के लोगों से नौकरी के बदले जमीनें लिखवाकर अवैध संपत्ति संग्रहण करने का काम किया? साथ ही उन्होंने कई फर्जी नामों से पटना में लोगों से जमीनें लिखवाईं?

पार्टी प्रवक्ताओं ने आरजेडी नेता को चुनौती देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को उनके सवालों को तथ्यों के साथ जवाब देना चाहिए।

 

 

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