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*बिहार को हरित प्रदेश बनाने का संकल्प 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य

*विभागीय मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने हरित प्रदेश बनाने को लेकर की घोषणा*

• *हर रविवार एक घंटे पर्यावरण संरक्षण के लिए देने की अपील*

• *एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की तर्ज पर वृक्षारोपण अभियान*

• *इकोटूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, रोजगार के नये अवसर होंगे उपलब्ध*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार सरकार ने राज्य को हरित प्रदेश बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की शुरुआत की है और अहम कदम उठाया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बड़ी घोषणा की है कि बिहार को वर्ष 2028 तक नहीं बल्कि 2027 तक ‘हरित बिहार’ बनाया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के उन्होंने ‘हर रविवार इको फ्रेंडली काम, एक घंटा पर्यावरण के नाम’ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत बिहारवासियों से अपील की गई है कि वे हर संडे कम-से-कम एक घंटा पर्यावरण संरक्षण के काम में खुद को लगाएं।

*पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की योजना*
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि यह अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ की तर्ज पर चलेगा, जिससे लोग वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ सकें। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक बिहार के हरित आवरण को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत किया जाए। अगर हर नागरिक प्रत्येक रविवार एक पेड़ लगाता है, तो यह लक्ष्य जल्द पूरा किया जा सकता है।

*इकोटूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा*
बिहार में इकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई नये पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। बिहार के निवासी अब इकोटूरिज्म का लाभ उठाने के लिए दूसरे राज्यों में जाने की बजाये अपने ही राज्य में पर्यटन का लुत्फ उठा सकेंगे।

*हर रविवार प्रकृति के नाम*
इसके साथ ही विभागीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है लिहाजा इसमें हर किसी को भागीदार बनना होगा। उन्होंने बिहारवासियों से अपील की कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और हर रविवार को प्रकृति के नाम करें ताकि 2027 तक बिहार को हरित प्रदेश बनाया जा सके।

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