तारकेश्वर गुप्ता: जमशेदपुर : संपूर्ण आश्रय संस्था की अध्यक्ष सुष्मिता सरकार गत कई सालों से असहाय असमर्थ बुजुर्ग माता-पिता की मदद करती है जैसे कि आजकल का चलन हो गया है माता-पिता नहीं रखने का उनको घर से निकाल देने का और बहुत सारे लोग बाहर भी चले जाते हैं तो उनको पैसा देकर रखवाने का और जो बुजुर्ग बेरोजगार असमर्थ हैं जो खुद का पालन पोषण करने में । कहीं ना कहीं रास्ते में पड़े मिलते हैं वह बहुत दुखी होते हैं खाने-पीने की, रहने की दिक्कत होती है ऐसे माता-पिता बुजुर्ग जो हमारे संसार में आते हैं सुष्मिता सरकार ने बताया की मुझे जानकारी मिलती है तो मैं वैसे माता-पिता को सिर्फ जमशेदपुर नहीं बल्कि जमशेदपुर से बाहर भी जहां भी पेड आश्रम हो या फ्री आश्रम मैं उनको वहां आश्रय दिलाने का कार्य करती हूं 2 दिन पहले मुझे यह समीर अंकल मिले जिन से मेरी मुलाकात रास्ते में हो गई यह मुझे पहले से जानते थे ये काफी दुखी और परेशान थे तो मैंने इनसे पूछा कि क्या हुआ तो उन्होंने कहा मेरा रहने जीने का कोई सहारा नहीं है मेरे पास नौकरी भी नहीं है मैं विकलांग हूं और मेरे रिश्तेदारो ने भी मुझे रखने से मना कर दिया है मैंने शादी भी नहीं किया है इसलिए मैं सुसाइड करने जा रहा हूं यह सब सुनने के बाद सुस्मिता जी ने समीर चंद्र को आश्वस्त किया कि मैं आपका रखने का उपाय करती हूं और मैं फुरीदा ओल्ड एज होम के भास्कर जी से बात किया और उन्होंने मेरा समर्थन किया कि ठीक है मैं उनको निशुल्क रख लूंगा फिर इनका पेपर वर्क कराने के बाद मैं आज इनको फुरीदा ओल्ड एज होम सरायकेला लेकर जा रही हूं ताकि बाकी की जिंदगी अच्छे से दो वक्त की रोटी खाकर एक छत के नीचे कई लोगों के साथ हंस खेल के जिंदगी गुजार सकें ।
समीर चंद्र जी ने बताया की वह अपनी स्वेच्छा से वृद्धाश्रम जाने के लिए राजी हुए उन्होंने बताया वृद्धाश्रम जाने में किसी भी व्यक्ति का कोई दबाव कोई जिम्मेदारी नहीं है इसके लिए वह सारा दायित्व खुद अपने ऊपर लेते हैं और उन्होंने बताया कि उनका इस दुनिया में कोई नहीं है आज सोमवार को दिनांक 08-05-2023 को समीर चंद्र को सरायकेला के वृद्धा आश्रम में बात करके उन्हें रखने के लिए जो प्रोसेस होता है उसको उन्होंने कंप्लीट किया और वह खुद जमशेदपुर से उन्हें सराइकेला लेकर गई और वृद्धाश्रम में सारी फॉर्मेलिटी पेपर वर्क पूरी करके उन्हें वहां रख कर चली आई समीर चंद्र जी सुष्मिता सरकार जी को काफी धन्यवाद और दुआएं दिए।