ब्रेकिंग न्यूज़राजनीति

बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि ।।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-सर्टिफिकेट जांचने वाले जदयू नेता बताएं,  स्कूली बच्चों को किताबें क्यों नहीं दी गई – मनोज शर्मा  जदयू के नेता लगातार बीजेपी के बड़े नेताओं की डिग्री की जांच कर रहे हैं. वैसे ही सत्तारूढ़ दल के नेताओं को अपने राज्य के बच्चों के भविष्य की चिंता करनी चाहिए. बिहार के नौनिहालों के भविष्य की चिंता छोड़ जदयू के नेता दूसरे का सर्टिफिकेट देख रहे है. जबकि बिहार के एक करोड़ से ज्यादा बच्चो के भविष्य के साथ रोज खिलवाड़ हो रहा है. जदयू के नेता काम से कम अपनी शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रेस कांफ्रेस करके लोगों को जानकारी देते और बताते कि  किस बदहाली से बिहार की  शिक्षा व्यवस्था गुजर रही है.

जदयू के नेताओं को बताना चाहिए कि  गर्मी कि छुट्टी से पहले तक सरकारी स्कूलों में किताबें क्यों नहीं बंटी. बिहार के सरकारी स्कूलों में बांटने के लिए ब्लॉक स्तर पर अभी तक केवल 36 फ़ीसदी यानी कि 45.75 लाख किताबें ही पहुंच सकी है.  प्रदेश में कक्षा एक से आठवीं तक के 1.27 करोड़ बच्चों को सरकार की तरफ से किताबें बांटी जानी थी लेकिन कुल मिलाकर अब तक 65 फीसदी बच्चे बिना किताब की पढ़ाई कर रहे हैं.

बीजेपी नेताओं के सर्टिफिकेट झांकने वाले जदयू के नेता कम से कम बिहार के सरकारी स्कूलों कि बिल्डिंगों को भी देख लेते. बिहार में कई हजार स्कुल भवन जर्जर है. वही,   प्रदेश में 5419 भूमिहीन सरकारी विद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. वहीं राज्य के 826 ऐसे सरकारी स्कूल है जो किराए पर चलते हैं. ऐसे स्कूल मंदिर, समुदायिक भवन और  झोपड़ियों में चलते है.

जदयू के नेता भले बेशर्मी से लोगों का सर्टिफिकेट देख रहे हो लेकिन, यह भी सच है इनकी शिक्षा नीति की वजह से बिहार के नौनिहालों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. पिछले 18-19 साल में शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प हो जाना चाहिए था लेकिन,  बिना दूरदृष्टि की वजह से नीतीश कुमार की  सरकार ने बिहार के नौनिहालों का भविष्य बर्बाद किया है. अपनी झूठी शान और शौकत के लिए अलग-अलग बड़ी इमारतें, भवन, संग्रहालय, पार्क  सरकार बनवा रही है लेकिन, उनके पास स्कूल बनाने की पैसे नहीं है? स्कूल में किताब देने के पैसे नहीं हैं? और जदयू के नेता सर्टिफिकेट जांचते चल रहे है.

 

Related Articles

Back to top button