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मत्स्य निदेशालय अंतर्गत राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न।…

मछली निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट यूनिट का गठन करने पर बल दिया गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार के मत्स्य निदेशालय द्वारा राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक आज पटना में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता माननीय मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, श्रीमती रेणु देवी ने की, जबकि संचालन अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी द्वारा किया गया। बैठक में निदेशक मत्स्य, श्री अभिषेक रंजन उपस्थित रहे।

बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. विजयलक्ष्मी ने कहा कि अब बिहार को केवल उत्पादन तक सीमित न रखते हुए निर्यात की दिशा में भी कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी एक विशेष कमिटी का गठन करें जो एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट की स्थापना हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करे, ताकि मछली का अन्य देशों में निर्यात किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरप्लस प्रोडक्शन से ही राज्य मछली के निर्यात में योगदान दे सकता है।

समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी जिला मत्स्य पदाधिकारियों को इनोवेशन प्रैक्टिस को बढ़ावा देने तथा जिलों में मौजूद मत्स्य अवसंरचना के समुचित रख-रखाव के निर्देश दिए। मधुबनी जिले में चौर क्षेत्र के क्लस्टर मॉडल के तहत हो रहे विकास को एक सकारात्मक उदाहरण बताते हुए उन्होंने इसे अन्य जिलों में भी लागू करने की बात कही।
माननीय मंत्री, श्रीमती रेणु देवी ने अधिकारियों को निदेश दिया कि मछुआरों को योजनाओं का लाभ समय पर मिले, इस पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि बारिश प्रारंभ होने से पहले सभी निर्माणाधीन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करा लिया जाए आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूरे समर्पण और तत्परता के साथ कार्य करें ताकि बिहार को मत्स्य क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

राज्य स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन एवं लक्ष्य प्राप्ति के आधार पर शेखपुरा, लखीसराय, जहानाबाद, समस्तीपुर एवं अररिया जिलों द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया। इन जिलों द्वारा निर्माण कार्यों की समयबद्ध पूर्णता, लाभार्थियों तक योजनाओं की पहुँच और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया।

समीक्षा के दौरान राज्य योजनाओं, आत्म निर्भर बिहार (सात निश्चय 2) एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की गई। बिहार देश में मछली उत्पादन में चौथे स्थान पर है। निर्देश दिया गया है कि अपने रैकिंग को और बेहतर बनाने के लिए तत्परता से कार्य करने की आवश्यकता है।

इस बैठक में सभी जिलों के जिला मत्स्य पदाधिकारी एवं विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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