किशनगंज में चला विशेष स्वास्थ्य अभियान, ‘सटीक माप, सही नियंत्रण और जीवन की सुरक्षा’ रहा संदेश
30 वर्ष के बाद हर वर्ष जांच आवश्यक: डॉ. उर्मिला

किशनगंज, 17 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन को ‘मौन हत्यारा’ कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते, लेकिन यह शरीर को अंदर ही अंदर खोखला करता रहता है। इसी के प्रति जन-जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2025 की थीम रही- “सटीक माप करें, इसे नियंत्रित करें और लंबा जीवन जिएं”
इस अवसर पर जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स एवं जिला अस्पताल में नि:शुल्क रक्तचाप जांच शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में सैकड़ों लोगों ने अपनी जांच कराई और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह प्राप्त की।
30 वर्ष के बाद हर वर्ष जांच आवश्यक: डॉ. उर्मिला
जिला गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि “30 वर्ष की उम्र पार कर चुके प्रत्येक व्यक्ति को हर वर्ष बीपी की जांच अवश्य करानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप का संबंध केवल उम्र या तनाव से ही नहीं, बल्कि अनुवांशिकता से भी होता है। यदि परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो, तो अगली पीढ़ी को इसका खतरा ज्यादा होता है।
उन्होंने बताया कि 80 से 85 प्रतिशत मामलों में रोगी को कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन यह धीरे-धीरे हृदय, मस्तिष्क, किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
हृदयाघात से होती हैं सबसे ज्यादा मौतें: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि भारत में प्रत्येक चौथा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से ग्रसित है। देश में जितनी भी मौतें गैर-संचारी रोगों से होती हैं, उनमें से 27 प्रतिशत केवल हृदयाघात के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि यदि लोग समय रहते जांच कराएं और जीवनशैली में सुधार करें, तो इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
गांव-गांव आशा और एएनएम ने पहुंचाया संदेश
इस विशेष अवसर पर आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर लोगों को जानकारी दी कि रक्तचाप बढ़ना एक गंभीर स्थिति है, परंतु इसका नियंत्रण संभव है। उन्होंने लोगों को नशे से दूर रहने, जंक फूड कम खाने, तनाव को नियंत्रित करने और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी।
रक्तचाप नियंत्रण के 7 उपाय
- संतुलित आहार और फल-सब्जियों का अधिक सेवन
- नियमित व्यायाम व योग
- नमक, घी, तेल और प्रोसेस्ड फूड की सीमित मात्रा
- धूम्रपान और शराब से दूरी
- तनावमुक्त जीवनशैली
- हर 6–12 महीने में रक्तचाप की जांच
- डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवा सेवन
संदेश: मौन हत्यारे को हल्के में न लें
डॉ. उर्मिला कुमारी ने आमजन से अपील की कि वे इस खतरनाक बीमारी को नजरअंदाज न करें। “समय पर सटीक मापन, सही नियंत्रण और डॉक्टर की सलाह से ही हम इस बीमारी को मात दे सकते हैं,” उन्होंने कहा।
उल्लेखनीय है कि विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत वर्ष 2005 में विश्व उच्च रक्तचाप लीग (WHL) द्वारा की गई थी। 2006 से इसे हर वर्ष 17 मई को मनाया जा रहा है ताकि लोग हाइपरटेंशन को गंभीरता से लें और समय रहते जांच कराकर स्वस्थ जीवन जिएं।