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छह लाख में खरीदी AK-47 से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पर सोनू-मोनू गैंग ने किया हमला, जानें क्या है दुश्मनी की वजह…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/मोकामा में पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच वर्चस्व की लड़ाई फिर छिड़ गई है। इससे पहले भी कई बार दोनों के बीच टकराव हो चुका है, जिसमें हत्या की साजिशें भी शामिल हैं। यह गैंगवार पुराने विवाद और वर्चस्व की जंग का नतीजा है। सोनू-मोनू गिरोह ने पहले भी अनंत सिंह की हत्या की कई बार कोशिश की है। एक बार तो एके-47 तक खरीद ली गई थी। हालांकि, पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी का नाम भी शामिल है।

अनंत और सोनू-मोनू के बीच दुश्मनी पुरानी
दरअसल, पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच दुश्मनी कोई नई बात नहीं है। 2017 में मोनू सिंह ने अनंत सिंह को मारने के लिए मुंगेर से 6 लाख रुपये में एके-47 राइफल खरीदी थी। सोनपुर में हत्या की योजना बनाई गई। न केवल अनंत सिंह, बल्कि उनके करीबी मुखिया प्रत्याशी मणि सिंह को भी निशाना बनाने की साजिश रची गई थी। लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी। 2018 में फिर से अनंत सिंह की हत्या की साजिश रची गई। पुलिस ने समय रहते मोनू और उसके साथी निलेश को गिरफ्तार कर लिया। सोनू-मोनू गिरोह ने अनंत सिंह की हत्या के लिए 50 लाख रुपये की सुपारी ली थी।

मुख्तार से भी रहा है सोनू-मोनू का संबंध
अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच शुरू से ही तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। हालांकि, अनंत सिंह के जेल से रिहा होने के बाद कुछ समय के लिए दोनों के बीच रिश्ते सुधरे थे। लेकिन फिर से वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। सोनू और मोनू दोनों सगे भाई हैं और मिलकर गैंग चलाते हैं। इन पर लूट, रंगदारी और हत्या जैसे कई संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं। इस गिरोह के तार बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली तक फैले हैं। सोनू-मोनू गिरोह का संबंध उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक रहे मुख्तार अंसारी से भी रहा है। यह बात खुद मोनू ने 2018 में गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस को बताई थी।

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