ठाकुरगंज : देखते ही देखते समंदर जैसा बन जाता है खनन के बाद नदी

किशनगंज-ठाकुरगंज/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज, दिघलबैंक, बहादुरगंज प्रखंड के सीमा से होते हुए सीमलबाड़ी और अलसियाबाड़ी गांव के बीच से होकर बहने वाली बूढ़ी कनकई नदी में बबड़ी कंपनी द्वारा हजारों गाड़ियां बालू और बालू मिट्टी का उत्खनन करने के बाद नदी समुंदर जैसा दिखने लगता है। गौरतलब हो कि प्रत्येक वर्ष बरसात के दिनों में जब नदी का जलस्तर बढ़ता है तब नदी कटाव की चपेट में सीमलबारी गांव आ जाता है जिससे ग्रामीणों के चेहरे पर मायूसी छाई रहती है। गौरतलब हो कि यह नदी पहले सीमलबारी गांव से काफी दूर थी लेकिन धीरे-धीरे अब कटाव करते-करते गांव को अपने जद में प्रत्येक वर्ष कटाव कर लेने लगी है। स्थानीय किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन भी बरसात के दिनों में कटाव की जद में आकर नदी में कटकर विलीन हो गई है। गांव के बेहद करीब से होकर गुजरने वाली इस नदी में सीमलबारी और अलसियाबाड़ी, कुमिया के बीच एक बार फिर से भारी मात्रा में खनन कंपनी द्वारा करवाया जा रहा है। जिससे बरसात के दिनों में सीमलबारी गांव कटाव की जद में आ सकता है ऐसा अनुमानित प्रतीत होता है। लेकिन भारी मात्रा में खनन कर रहे कंपनी का क्या है वह आज यहां पर अपना कार्य करके चले जाएंगे लेकिन जो लोग यहां के मूल निवासी हैं बाशिंदा है परेशानी और फर्क सिर्फ यहां के स्थानीय लोगों को ही होगा। हैरानी की बात तो यह है कि नदी कटाव को रोकने के लिए नदी कटाव रोधक कार्य तो नहीं हो रहा है लेकिन नदी में भारी मात्रा में गांव के करीब ही उत्खनन हो रहा है, किया जा रहा है उत्खनन कहां तक उचित है।