किशनगंज : जिले में आयोडीन के महत्व और उपयोगिता पर जागरूकता के लिए मनाया गया ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह।

गर्भवती महिलाओं को आयोडीन के बारे में निश्चित जानकारी दी गयी, बैनर पोस्टर के माध्यम से किया जा रहा जागरूक।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में खाने में आयोडीन के महत्व और उपयोगिता को बताने के लिए जिले में 21 से 27 अक्टूबर तक ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह मनाया जा रहा है 21अक्टूबर को पूरे विश्व में आयोडीन अल्पता बचाव दिवस मनाया जाता है। इसी संदर्भ में जिले के सिविल सर्जन कार्यालय प्रांगन में जिला गैर संचारी रोग कोषांग के तत्वाधान में जिला स्वास्थ्य समिति की और से 21 अक्टूबर दिन शुक्रवार को विश्व आयोडीन अल्पता बचाव दिवस मनाया गया। वही जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों के ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों खास कर गर्भवती महिलाओं को आयोडीन के बारे में निश्चित जानकारी दी गयी है। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से एसीएम्ओ डॉ सुरेश प्रशाद, डीआईओ सह जिला गैर संचारी पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, जिला एनसीडी समन्वयक नवाज शरीफ एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए। गैर संचारी पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि जिले में अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर एवं स्वयंसेवी संस्थानों की मदद लेकर तथा आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ए.एन.एम के माध्यम से “आयोडीन-युक्त नमक के सेवन का मानव जीवन में महत्त्व” विषय पर जनमानस को जागरूक किया जा रहा है। जनमानस को आयोडीन के बारे में जागरूक करने के लिए होर्डिंग और बैनर का उपयोग करते हुए जागरूक करने का प्रयास किया गया है। शहर और सरकारी कार्यालयों के बाहर आयोडीन की अल्पता से होने वाली बीमारियों की जानकारी होर्डिंग के माध्यम से दी गयी है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेश प्रशाद ने बताया आयोडीन मानव शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। इसकी कमी से हार्मोन का उत्पादन भी बंद हो सकता है। जिससे शरीर के सभी अंग अव्यवस्थित हो सकते हैं। इसकी कमी से होने वाले रोगों में प्रमुख रूप से गलगंड होता है। इसमें गले के नीचे अवटु ग्रंथी में सूजन हो जाती है। वहीं गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से गर्भपात भी हो सकता है। इसके अलावा बहरापन, बौनापन, अविकसित मस्तिष्क और सीखने और समझने की क्षमता में कमी की समस्या भी होती है। मूली, शतावर, गाजर, टमाटर, पालक, आलू, केला, दूध और समुद्र से पाए जाने वाले आहार में अधिक मात्रा में आयोडीन पाए जाते हैं। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया, आयोडीन शिशु के दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मां में आयोडीन की कमी से पैदा होने वाले बच्चे का शारीरिक विकास भी पूरा नहीं हो पाता। भ्रूण के समुचित विकास के लिए आयोडीन एक जरूरी पोषक तत्व है। यह शिशु के दिमाग के विकास में अहम भूमिका अदा करता है। शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम भी आयोडीन करता है। कोविड काल के चलते हमें यह जानना बड़ा जरूरी है कि अन्य विकारों के अलावा शरीर में आयोडीन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है।