ज्योतिष/धर्मब्रेकिंग न्यूज़

*रक्षाबंधन 11 अगस्त को अथवा 12 अगस्त को ? *सबसे पहले 11 अगस्त 2022 की चर्चा करते है।*

आचार्य ब्रजेश कुमार मिश्र

*इदं भद्रायां न कार्यम् ।*

*अर्थात् मुख्यतः यह 2 कार्य भद्रा काल में ना करें, फिर चाहे भद्राकाल स्वर्ग की हो अथवा पाताल की।*

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*👉द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा ।*
*श्रावणी नृपतिं हन्तिं ग्रामं दहति फाल्गुनी!!*

*अर्थात् भद्राकाल में रक्षाबंधन और होलिका दहन कदापि ना करें!*

*👉 जो पंचांगकार 11 अगस्त 2022 को दिन में रक्षाबंधन का मुहूर्त दे रहे हैं वह शास्त्रों के विरुद्ध है!*

*कम से कम धर्मसिंधु और निर्णय सिंधु के वचनों की ओर ध्यान दिया जाय उसमें जब स्पष्ट रूप से भद्रा काल में 2 कार्यों को करने के लिए मना किया गया है तो आप उसे भद्रा काल में ही करने/कराने पर क्यों तुले हुए हैं!*

*(भद्रा काल में रावण की बहन ने,रावण को राखी बांधी थी परिणाम आप सब जानते हैं।)*

*निर्णय सिंधु कार ने संक्रांति और ग्रहण में भी भद्रा के बाद रक्षाबंधन करने का विधान बताया ।*

*द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा ।*
*श्रावणी नृपतिं हन्तिं ग्रामं दहति फाल्गुनी!!*

*जिस प्रकार संक्रांति और ग्रहण जैसे महान दोषों को उन्होंने स्वीकार किया तो क्या वे भद्रा के वास को नहीं लिख सकते थे लेकिन नहीं लिखा!*

*क्यों?*

*क्योंकि भद्रा को रक्षाबंधन के लिए सर्वत्र वर्जित किया गया ।*

*ध्यान दीजिए ..*

*जिस प्रकार समुद्र का जल पीने योग्य नहीं होता परंतु उसी समुद्र के जल को सूर्य नारायण अपनी किरणों से वाष्पित कर वर्षा के रूप में शुद्ध करके आकाश के माध्यम से पीने योग्य बना देते हैं!*

*यहां पर पानी को शुद्ध करने का माध्यम(गुरु रूप) भगवान सूर्यनारायण हुए।*

*ठीक उसी प्रकार शास्त्रों की बातों को समझने के लिए एक कुशल गुरू (माध्यम)की आवश्यकता होती है।*

*यह जितने भी ज्योतिषकार घूम रहे हैं सब अपनी मर्जी के अनुसार ही निर्णय दे रहे हैं,शास्त्रों का अध्ययन करना तो चाहते ही नहीं, ना ही उसे समझने का प्रयास करना चाहतें हैं ।*

*और सच्चे गुरु की तो शरण छोड़ ही दी है इन लोगों ने।*

*यदि इन लोगों से इनके गोत्र-प्रवर-वेद-उपवेद-शिखा पाद-शाखा-देवता इत्यादि पूछे जाएं तो यह ठीक से बता भी नहीं पाएंगे!*

*बड़ा तिलक लगाने से और अच्छे कपड़े पहनने से कोई ज्ञानी नहीं हो जाता।*

*🚩अब देखिए निर्णय*

*सिंधु-धर्मसिंधु और क्या कहता है ?*

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*पूर्णिमायां भद्रा रहितायां त्रिमुहूर्त्ताधिकोदव्यापिनीयां अपराह्ने वा कार्यम्।।*

*12 अगस्त 2022 को पूर्णिमा 7:16 तक है*

*11 अगस्त 2022 को प्रात: 09:35 से रात्रि 8:25 तक भद्रा लगी हुई है जैसा कि मैंने अभी बताया कि भद्रा काल में रक्षाबंधन और होलिका दहन नहीं किया जाता!*

*लेकिन ऊपर मैंने शास्त्र वचन से कहा है कि भद्रा बीतने के बाद रक्षाबंधन करें फिर चाहे रात्रि ही क्यों ना हो।(निशीथ काल से पहले)*

*तो 11 अगस्त को रात्रि 8:25 से 9:50 के बीच में रक्षाबंधन करें, क्योंकि उपरोक्त वचनानुसार….तत्सत्वे तु रात्रावपि तदन्ते कुर्यात् अर्थात भद्रा के बीतने पर रात्रि में भी करें!*

*और देखिए👇*

*चूंकि 12 अगस्त को प्रातः 7:16 से प्रतिपदा तिथि लग चुकी है रक्षाबंधन के संबंध में निर्णय सिंधु कहता है कि…*

*इदं प्रतिपद्युतायां न कार्यम् अर्थात् प्रतिपदा से युक्त रक्षाबंधन ना करें।*

*इन्हीं शास्त्रीय वचनों के आधार पर 11 अगस्त 2022 को कुछ पंचांगकारों ने रक्षाबंधन का मुहूर्त रात्रि में दिया।*

*अब देखते हैं कि 12 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन क्यों मनाई जा रही है?*

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*सम्प्राप्ते श्रावणस्यान्ते पोर्णमास्यां दिन उदये ।*
*स्नानं कुर्वीत मतिमान् श्रुति स्मृति विधानततः।।*
*( निर्णय सिंधु में हेमाद्री का मंतव्य/भविष्य पुराणोक्त)*
*अर्थात् सूर्योदय व्यापिनी पूर्णिमा श्रुति और स्मृति विधान से बुद्धिमान व्यक्ति ग्रहण करें*

*इसी संबंध में कालमाधव का कहना है..*

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*या तिथिससमनुप्राप्य उदयं याति भास्करः।*
*सा तिथिः सकला ज्ञैया स्नान-दान- व्रतादिषु।।*
*उदयन्नैव सविता यां तिथिम् प्रतिपद्यते ।*
*सा तिथिः सकलाज्ञेया दानाध्यन कर्मसु।।*

*अर्थात् सूर्योदय के बाद तिथि चाहे जितनी हो उसी दिन को व्रत-पूजा-यज्ञ अनुष्ठान-स्नान और दानादि के लिए संपूर्ण अहोरात्र में पुण्य फल प्रदान करने वाली माना गया है फिर चाहे 1 घड़ी या आधी घड़ी ही क्यों ना हो!*

*(श्राद्ध कर्म को छोड़कर)*

*”धनिष्ठा प्रतिपद युक्तं त्वाष्ट ऋक्ष समन्वितम्।*
*श्रावणं कर्म कुर्वीरन् ऋज्ञजु: साम पाठका:।।*

*🚩धनिष्ठायुक्त श्रवण में ऋग्वेदी,*

*🚩प्रतिपदायुक्त पौर्णमासी में यजुर्वेदी*

*🚩तथा चित्रायुक्त हस्त में सामवेदी श्रावणी कर्म करें।*

*🚩चूंकि 12 अगस्त 2022 को पूर्णिमा,प्रतिपदा से युक्त है।*

*इसलिए 12 अगस्त का रक्षाबंधन का त्यौहार सर्वमान्य है!*

*🚩निर्णयसिंधु कार स्वर्गीय महा उपाध्याय श्री पंडित विद्याधर गौड़ जी भी श्रावणी कर्म उपयोगी संक्षिप्त निर्णय में कहते हैं..👇*

*भद्रायोगे रक्षाबंधनस्यैव निषेधात्।*

*एवं प्रतिपद्योगोऽपि न निषिद्ध: ।।*
*रक्षाबंधन में भद्रा का निषेध है परंतु प्रतिपदा निषिद्ध नहीं।।*

*चूंकि 11 अगस्त को रात्रि 8:25 तक भद्रा है 12 अगस्त को भद्रा नहीं है और 7:16 से प्रतिपदा से युक्त है ।*

*इसी वचन में आगे कहते हैं कि जो श्रावण का कर्म(रक्षाबंधन)* *उत्तराषाढ़ा से युक्त हो तो 1 साल का किया हुआ वेद पाठ उसी क्षण नाश हो जाता है।*

*मैं यह नहीं कहता कि मैं बहुत बड़ा विद्वान हूं परंतु शास्त्रों की मर्यादा जानता हूं*

*अतः 12 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन का त्योहार ग्राह्य है और मनाया जाएगा!*

*आचार्य ब्रजेश कुमार मिश्र*
*7992327070*

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏
🌻 *आपका दिन मंगलमय हो* 🌻

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