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*स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय सहयोगी के परम हितेषी तथा समाजसेवी पंडित सुरेश दत्त मिश्रा नहीं रहे*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा–स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय सहयोगी पंडित यदुनंदन शर्मा, अनंत देव मिश्रा, गोपाल मिश्रा, पंडित जानकी शरण पाठक आदि सेनानियों के परम हितेषी तथा समाजसेवी पंडित सुरेश दत्त मिश्रा का आकस्मिक निधन हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उनकी चिकित्सा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रही थी, जहाँ उन्होंने अंतिम श्वास ली।

स्व. मिश्रा जीवन के अंतिम समय तक लोगों के हित और कल्याण में लगे रहे थे। वे सूर्य पूजा परिषद के संस्थापक सदस्य थे। उनका अचानक सदा के लिए चले जाना लोगों के लिए असहनीय पीड़ा है।

उनके सुपुत्र डॉ0 राकेश दत्त मिश्र ने 20 अगस्त (शुक्रवार) यह जानकारी दी। उनका दाह संस्कार पटना के गुलबी घाट पर सम्पन्न हुआ।

स्व. मिश्रा बिहार सरकार के राजभाषा विभाग में पदाधिकारी के पद से सेवा निवृत्त हुए थे।उनका मगही भाषा के प्रति लगाव और समर्पण बहुत ज्यादा था। उन्होंने पुस्तकों के लेखन के साथ साथ उनकी आखिरी कृति मगही भाषा में रामायण का अनुवाद था।

स्व. मिश्रा का जन्म गया जिला के टेकारी क्षेत्र के स्यानन्दपुर ग्राम में हुई थी और उनका कर्मभूमि बिहार की राजधानी पटना था।

उनका स्वभाव समाज में सबके प्रति अपनापन और निश्छल प्रेम के प्रतीक सादगी भरा और प्रेरणा का स्रोत रहा है। देशभक्ति की भावना और समाज के प्रति कर्त्तव्यनिष्ठ उनका निश्छल व्यक्तित्व ओत प्रोत था। वे दिव्य रश्मि मासिक पत्रिका के संस्थापक थे और उन्होंने दिव्या रश्मि परिवार के श्रृंखला तैयार किया था। उनके सुपुत्र डॉ0 राकेश दत्त मिश्र दिव्या रश्मि मासिक पत्रिका के सम्पादक हैं।

प्रभु से प्रार्थना है उनकी दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करें तथा दुख की इस घड़ी में उनके तमाम परिवार एवं बड़ी संख्या में जुड़ें शुभचिंतकों को धैर्य धारण की शक्ति दें।
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