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*PK ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था के सवाल पर लालू यादव पर कसा तंज, बोले – लालू जी का अपराध पर बात करना, जंगल में शेर के शाकाहारी होने की बात करने जैसा है*

श्रुति मिश्रा/जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार को भी घेरा, बोले – बिहार सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है, मांझी जी को अगर चिंता है तो पहले केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ें।

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर आज ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत एक दिवसीय दौरे पर सारण पहुंचे। गरखा में जनसभा को संबोधित करने के बाद प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर ट्वीट करने को लेकर लालू यादव पर कटाक्ष किया और कहा कि लालू जी का अपराध पर बात करना वैसा ही है जैसे जंगल का शेर शाकाहारी होने की बात करने लगे। कोई उन पर विश्वास नहीं करेगा।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर मांझी जी को इतनी चिंता है तो उन्हें सबसे पहले केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ देना चाहिए। उन्हें सबसे पहले माँझी समाज के लिए काम करना शुरू करना चाहिए और अपने परिवार के अलावा किसी और को भी टिकट देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बिहार का नेतृत्व कर सकें।

*सारण के गरखा में प्रशांत किशोर की जनसभा, कहा- इस बार वोट लालू, नीतीश, मोदी के लिए नहीं, इस बार वोट बिहार में जनता का राज स्थापित करने के लिए देना है, इस बार वोट अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए देना है*

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वह यहां लोगों को जागरूक करने आए हैं, उन्हें अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करना चाहिए। जनता इस बात से संतुष्ट है कि उसे पांच किलो अनाज, सिलेंडर और बिजली मिल रही है। लेकिन जनता यह नहीं सोचती कि उसके बच्चों को शिक्षा और रोजगार नहीं मिल रहा है।

उन्होंने गरखा की जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन कर जनता का राज स्थापित करने के लिए नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें। चुनाव में वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा। अगली बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें।

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