अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

पटना : विगत 100 दिनों में लगभग 12 करोड़ 60 लाख की आबादी वाले प्रदेश में अब तक मात्र 1 लाख 23 हज़ार ही जाँच हुई है। धीमी जाँच का दोषी कौन:तेजस्वी यादव

कोरोना संक्रमण रोकने की बजाय इनका ध्यान कहीं और है।क्या ये लोग नागरिकों की लाशों पर चुनाव करवाना चाहते है ?

अगर मुख्यमंत्री बाहर निकल कर दौरा नहीं करेंगे, श्रमिकों का हाल-चाल नहीं पूछेंगे, सुप्रीम Court के आदेशानुसार उन्हें रोजगार नहीं देंगे तो 10 दिन बाद उनके घर से बाहर नहीं निकलने के 100 दिन पूर्ण हो जाएँगे।पटना/त्रिलोकीनाथ प्रसाद, बिहार के नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बोले।उन्होंने कहा कि सबसे अधिक कोरोना संक्रमण फैलाव एवं सबसे धीमी गति से सबसे कम कोरोना जाँच के बावजूद आदरणीय नीतीश जी देश के इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री है जो इस गंभीर मानवीय संकट और आपदा काल मे 90 दिन से अपने आलीशान बँगले से बाहर नही निकले है ? इन्हें जनता नहीं चुनाव के जातीय अंकगणित की चिंता है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि बिहार में कोरोना जाँच की गति देश में सबसे कम है ? विगत 100 दिनों में लगभग 12 करोड़ 60 लाख की आबादी वाले प्रदेश में अब तक मात्र 1 लाख 23 हज़ार ही जाँच हुई है। धीमी जाँच का दोषी कौन ? क्या तीन महीने बाद भी हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर इतना दयनीय है कि एक दिन में 10 हज़ार जाँच हो सके।बिहार सरकार ने कथित डोर टू डोर सर्वे में दावा किया था कि इन्होंने 10 करोड़ से अधिक लोगों की काग़ज पर स्क्रीनिंग की जिसमें लगभग 4 लाख के लगभग सर्दी, बुखार, गला दर्द अथवा कोरोना संबंधित लक्षण थे।क्या ऐसे सभी लोगों की कोरोना जाँच हुई ? अगर नहीं तो ऐसा क्यों हुआ ? सरकार दावा करती है कि अधिकांश कोरोना संक्रमित मरीज बाहर से बिहार लौटे श्रमिक है अथवा उनके संपर्क में आए व्यक्ति है।प्रश्न यह है कि क्या बिहार वापस लौटे 30-32 लाख श्रमिक भाईयों की जाँच हुई ? क्या उनकी random sampling हुई ? सरकार कोरोना प्रबंधन को भुल चुनावी प्रबंधन में व्यस्त है।कोरोना संक्रमण रोकने की बजाय इनका ध्यान कहीं और है।क्या ये लोग नागरिकों की लाशों पर चुनाव करवाना चाहते है ?क्या मुख्यमंत्री जी को उनके आलीशान बंगले से कुछ ही दूरी पर अवस्थित कोविड अस्पतालों NMCH और PMCH में जाकर तैयारी का जायज़ा नहीं लेना चाहिए ? बंद कमरों की समीक्षा में तो सब गुलज़ार और बहार ही दिखेगा, ज़मीनी हक़ीक़त ज़मीन पर जाने से ही मालूम पड़ेगा।अगर मुख्यमंत्री बाहर निकल कर दौरा नहीं करेंगे, श्रमिकों का हाल-चाल नहीं पूछेंगे, सुप्रीम Court के आदेशानुसार उन्हें रोजगार नहीं देंगे तो 10 दिन बाद उनके घर से बाहर नहीं निकलने के 100 दिन पूर्ण हो जाएँगे।उन्हें बाहर निकालने और नींद से जगाने के लिए राजद पूरे बिहार में ढ़ोल पिटवाएगी।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!