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*उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य की 100 से अधिक नर्स, एएनएम और सीएचओ सम्मानित*

– स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा- नर्सिंग, एएनएम और सीएचओ के रिक्त पदों पर जल्द शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया
– अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर बिहार की बेटियों के समर्पण और संवेदनापूर्ण सेवाभाव की स्वास्थ्य मंत्री ने की प्रशंसा

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नर्सिंग किसी भी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ होती हैं। आज से दस साल पहले तक बिहार के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग की जिम्मेदारी दक्षिण भारत से आने वाली बेटियों के कंधों पर होती थी। लेकिन पिछले दस वर्षों में बिहार की बेटियों ने नर्सिंग सेवा में उतरकर जिस सेवाभाव, संवेदना, समर्पण और निष्ठा के साथ मानवता की सेवा में जुटी हैं, उसके चर्चे न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 10,700 नर्सों की नियुक्ति का मामला अभी कोर्ट के विचाराधीन है। कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही इसे पूरा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार सरकार 3600 जीएनएम की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मंगलवार को फ्लोरेन्स नाइटिंगल की जयंती पर मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर राज्य के सभी 38 जिलों में पदस्थापित एक सौ से भी अधिक नर्सों, एएनएम और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को उनके उत्कृष्ट कार्यों और सेवाओं के लिए सम्मानित कर रहे थे। इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत समेत स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कई हस्तियां मौजूद थी। स्वास्थ्य मंत्री ने मानवता की उत्कृष्ट सेवा करने वाली नर्सों, एएनएम और सीएचओ को राज्य सरकार की ओर से पदक, प्रशस्ति पत्र और दस हजार रुपये से सम्मानित किया। इस मौके पर पुराना सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार की बेटियों ने नर्सिंग सेवाओं में न सिर्फ देशभर में बल्कि दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार के सरकारी अस्पतालों में गाय और बकरियां बांधी जाती थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है। अब राज्य के किसी भी ग्रामीण अस्पताल में न सिर्फ डॉक्टर, नर्स, एएनएम और सीएचओ तैनात हैं बल्कि मरीजों के लिए दवाएं और सभी जरूरी उपकरण भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी अस्पताल की गुणवत्ता उसके नर्सिंग सिस्टम पर निर्भर करता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व में बिहार में नर्सिंग की पढ़ाई की कोई सुविधा नहीं थी। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्यभर में नर्सिंग स्कूलों का जाल फैल चुका है। बिहार की बेटियां यहां पढ़ाई और प्रशिक्षण पूरी करके न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया के विभिन्न मुल्कों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने राज्य में शुरू की गई मिशन उन्नयन की भी चर्चा की और कहा कि अब राज्य में एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। अब बिहार के नर्सिंग स्कूलों में योग्य शिक्षकों की कमी नहीं होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना काल में बिहार की नर्सों की संवेदनाओं से भरी उत्कृष्ट सेवाओं की चर्चा की और उनके सेवाभाव की जमकर प्रशंसा की।

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