*पूर्णिया-अररिया दौरे पर PK ने की मुसलमानों से अपील, बोले – भाजपा के डर से मुसलमान RJD को वोट करते हैं, आगमी विधानसभा में जन सुराज के तौर पर उन्हें एक सही विकल्प मिल रहा है*

श्रुति मिश्रा/पूर्णिया। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर जन सुराज उद्घोष यात्रा के तहत पूर्णिया और अररिया के एक दिवसीय दौरे पर हैं। पूर्णिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने मुसलमानों से अपील की कि अभी तक बिहार में विकल्प की कमी और बीजेपी के डर से मुस्लिम समुदाय राजद को वोट देता है। लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार के लोगों के पास जन सुराज का बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि एक तरफ राजद 38 प्रतिशत मतदाताओं की बात कर रही है तो दूसरी तरफ जन सुराज शत प्रतिशत बिहार के लोगों की बात कर रही है। और इस 100 प्रतिशत में वो 38 प्रतिशत लोग भी शामिल हैं जो उनके मुताबिक उनके समर्थक हैं। बिहार में किसी भी दल का समर्थक हो पर करीब 60 प्रतिशत जनता नया विकल्प और बदलाव चाहते हैं।
*PK ने पप्पू यादव को बताया राजनीतिक मेंढक, बोले – उदय सिंह जी के चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं होने के कारण ये जीत कर आ गए, ये लोग बरसाती मेंढक हैं*
प्रशांत किशोर ने पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पप्पू यादव बरसाती मेंढक हैं। उनका काम बारिश में बाहर निकलकर टर्राना है। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव कोई फैक्टर नहीं हैं, वे पूर्णिया से इसलिए जीते क्योंकि उदय सिंह जी चुनावी राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं।
*अमित शाह के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला, बोले – अमित शाह यहां आकर ये घोषणा करें कि गुजरात के मजदूरों के बराबर ही बिहार के मजदूरों को भी पैसा मिलेगा*
प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी बिहार दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब बिहार में चुनाव हैं, इसलिए नवंबर तक अमित शाह और मोदी जी को सिर्फ बिहार ही दिखेगा। भाजपा को अब चुनाव तक बिहार का गौरवशाली इतिहास ही दिखेगा। अब नवंबर तक हर केंद्रीय योजना का शिलान्यास बिहार से होगा, किसान सम्मान निधि का पैसा भी बिहार से भेजा जाएगा। लेकिन अगर गृह मंत्री को वाकई बिहार और बिहार के बच्चों की इतनी चिंता है तो बिहार के जो बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मात्र 12 हजार रुपये में काम कर रहे हैं, उन्हें गुजरात के मजदूरों के बराबर फैक्ट्रियों में मजदूरी दिलवाएं। इसलिए गृह मंत्री अमित शाह जी से हमारी मांग है कि वे सूरत, मोरबी की फैक्ट्रियों में काम कर रहे बिहार के बच्चों को भी गुजरात के मजदूरों के बराबर मजदूरी दिलवाएं। इसके साथ अमित शाह जी को बताना चाहिए कि कितने गुजराती व्यापारियों ने बिहार में फैक्ट्री लगाई हैं। अमित शाह जी को बताना चाहिए कि पिछले 11 वर्षों में NDA सरकार ने बिहार में कितनी फैक्ट्रियां लगाई हैं। गुजरात को बुलेट ट्रेन और बिहार में पैसेंजर ट्रेन के लिए भी मारामारी हो रही है। अब बिहार की जनता को समझना होगा कि वोट हमारा और विकास गुजरात का नहीं चलेगा। इस बार वोट बिहार के विकास के लिए करना होगा।