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संभावित बाढ़ एवं जल-जमाव से निपटने हेतु पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया पदाधिकारियों को निदेश अन्तर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता: डीएम

डीएम ने कहा: मानक संचालन प्रक्रिया का अनुपालन अनिवार्य

त्रुटि-रहित आपदा प्रबंधन के लिए डीएम ने पदाधिकारियों को दी जिम्मेदारी

संभावित बाढ़ के पूर्व भविष्य में प्रभावित होने वाले व्यक्तियों का डाटाबेस 30 अप्रैल तक तैयार करने का डीएम का निदेश

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –पटना, मंगलवार, दिनांक 26.04.2022:- जिला पदाधिकारी, पटना डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि संभावित आसन्न आपदाओं की शीघ्र चेतावनी और उनका प्रभावी प्रचार-प्रसार सफल आपदा प्रबंधन के मुख्य घटक हैं। त्रुटि-रहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय, सतर्कता एवं सजग रहने की आवश्यकता है।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि पटना जिला के गंगा एवं अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आने पर तथा शहरी क्षेत्रों में जल जमाव होने पर गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है।उन्होंने सभी पदाधिकारियों को बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ सिंह ने संभावित बाढ़ की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य दायित्व एवं जिम्मेवार पदाधिकारियों का निर्धारण किया है जो निम्नवत है:-

1. वर्षामापक यंत्र/दैनिक वर्षापात प्रतिवेदन: जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखण्ड सांख्यिकी पर्यवेक्षक

2. संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान: सभी अंचलाधिकारी एवं सभी अनुमण्डल पदाधिकारी।

डीएम डॉ सिंह ने निर्देश दिया है कि संभावित बाढ़ 2022 के पूर्व भविष्य में प्रभावित होने वाले व्यक्तियों का डाटाबेस 30.04.2022 तक तैयार कर लें।

3. संसाधन मानचित्रण: सभी अंचलाधिकारी

4. सूचना व्यवस्था: सभी अंचलाधिकारी

5. नाव की वर्त्तमान स्थिति एवं निबंधित नावों से एकरारनामा: सभी अंचलाधिकारी

6. शरण स्थल: सभी अंचलाधिकारी

7. जेनरेटर सेट/पेट्रोमेक्स/महाजाल की व्यवस्था: सभी अंचलाधिकारी

8. नाव/लाईट जैकेट/मोटरबोट के परियोजन की आकस्मिक व्यवस्था: सभी अंचलाधिकारी

9. नियंत्रण-कक्ष: सभी अंचलाधिकारी/प्रखण्ड विकास पदाधिकारी

10. गोताखोरों का प्रशिक्षण: सभी अंचलाधिकारी

11. समुदाय का प्रशिक्षण: सभी अंचलाधिकारी/प्रखण्ड विकास पदाधिकारी

12. राहत एवं बचाव दल का गठन: सभी अंचलाधिकारी/प्रखण्ड विकास पदाधिकारी

13. तैयारियों का अभ्यास: सभी अंचलाधिकारी/प्रखण्ड विकास पदाधिकारी

14. तटबंध की सुरक्षा: कार्यपालक अभियंता, पुनपुन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल पटना सिटी अवस्थित करबिगहिया एवं अनिसाबाद, कार्यपालक अभियंता, गंगा बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल बख्तियारपुर कार्यपालक अभियंता, गंगा सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमण्डल दीघा, खगौल संबंधित अंचल अधिकारी/अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा संयुक्त जाँच प्रतिवेदन

15. मानव दवा की व्यवस्था: असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी

16. मोबाईल मेडिकल टीम: असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी

17. पशुचारा/चुन्नी-चोकर एवं पशुदवा की व्यवस्था: जिला पशुपालन पदाधिकारी

18. पोलीथीन सीट्स/सत्तु/गुड़/चुड़ा की व्यवस्था: अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन

19. राज्य खाद्य निगम के गोदामों में खाद्यान की उपलब्धता एवं खाद्यान के संधारित हेतु गोदामों को चिन्ह्ति करना: जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम, विशिष्ट पदाधिकारी अनुभाजन,अपर जिला दण्डाधिकारी, आपूर्ति

20. नोडल पदाधिकारी/जिला स्तरीय टास्क फोर्स: जिला कृषि पदाधिकारी

21. आकस्मिक फसल योजना का सूत्रण: जिला कृषि पदाधिकारी

22. सड़कों की मरम्मती: पथ निर्माण विभाग

23. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था: कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमण्डल, पटना पूर्वी एवं पटना पश्चिमी

24. पटना शहरी क्षेत्र के नालों की सफाई एवं सम्प हाउस की स्थिति: आयुक्त, नगर निगम पटना/प्रबंध निदेशक बुडको/कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल/कंकड़बाग अंचल/बांकीपुर अंचल, अजीमाबाद अंचल/ पटना सिटी अंचल/नगर परिषद फुलवारीशरीफ एवं दानापुर।

डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क एवं सजग है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के जान-माल की सुरक्षा एवं त्वरित तथा ससमय राहत पहुँचाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

डीपीआरओ, पटना।

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