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किशनगंज : महिला संवाद कार्यक्रम में उभरीं ग्रामीण महिलाओं की नई आकांक्षाएँ

प्रामाणिक बीज, मछली पालन, आवास और शिक्षा योजनाओं पर महिलाओं ने रखी अपनी बात

किशनगंज,12 मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के विभिन्न ग्राम संगठनों में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण महिलाओं ने खेती-बाड़ी, पशुपालन, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं को लेकर अपनी स्पष्ट और प्रभावशाली आकांक्षाएँ व्यक्त कीं। सोमवार को जिले के बीस ग्राम संगठनों में सुबह और शाम की दो पालियों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

प्रामाणिक बीज के लिए पंचायत स्तर पर बीज केंद्र की मांग
कोचाधामन प्रखंड के मोधो पंचायत की रूबीना बेगम ने किसानों की समस्याओं को रखते हुए पंचायत स्तर पर बीज केंद्र खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रामाणिक बीज की अनुपलब्धता के कारण फसलों की उपज पर असर पड़ता है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यदि पंचायतों में बीज केंद्र खोले जाएं तो किसान स्थानीय स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण बीज प्राप्त कर सकेंगे।

मछली पालन में अपार संभावनाओं की ओर इशारा
किशनगंज सदर प्रखंड के मोतीहारा तालुका पंचायत की नूतन देवी ने मछली पालन को लेकर जिले में मौजूद संभावनाओं पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि जिले में तालाबों, नदियों और पोखरों की भरपूर संख्या है और यहाँ का भौगोलिक स्थिति—बांग्लादेश, नेपाल और पश्चिम बंगाल से सटे होने के कारण—मछली के उत्पादन और निर्यात की व्यापक संभावनाएँ प्रदान करती है।

बुनियादी सुविधाओं और शिक्षा पर जोर
कोचाधामन की मधु देवी ने आवास और शौचालय निर्माण से जुड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की बात कही। उन्होंने बच्चों की शिक्षा को लेकर सरकार की योजनाओं—जैसे पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल और मध्यान्ह भोजन—की सराहना की और कहा कि इससे ग्रामीण परिवारों को बच्चों की पढ़ाई में बड़ी सहायता मिल रही है।

महिलाओं ने मांगा वैज्ञानिक कृषि सहयोग
कार्यक्रम में शामिल अन्य महिलाओं ने कृषि लागत में बढ़ोतरी, खाद-बीज की समय पर आपूर्ति और अधिक मूल्य जैसे मुद्दों को उठाया। उन्होंने सरकार से वैज्ञानिक विधियों पर आधारित कृषि कार्य के लिए सहयोग और दीर्घकालिक नीतियाँ बनाए जाने की अपील की।

जिले के सभी सातों प्रखंडों में मंगलवार को भी महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह पहल न सिर्फ महिलाओं को अपनी आवाज उठाने का मंच दे रही है, बल्कि सरकार तक उनकी आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पहुँचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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