नैक ग्रेडिंग (NAAC Grading) रिसर्च बेस्ड स्टडी के दम पर प्राप्त करेंगे ए-ग्रेड, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा…
DSPMU Ranchi के कुलपति डा. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि वर्ष 2024 में नैक ग्रेडिंग कराई जाएगी, रिसर्च बेस्ड स्टडी के दम पर हम हर हाल में ए-ग्रेड प्राप्त करेंगे, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब व छात्र शिक्षक अनुपात को भी सुधारा गया है
रांची : एक ओर जहां नैक ग्रेडिंग को लेकर विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में होड़ सी मची है वहीं दूसरी ओर डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी रांची (DSPMU Ranchi) के उच्च पदस्थ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में एड़ी चोटी एक किए हैं। डीएसपीएमयू के कुलपति डा. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि वर्ष 2024 में नैक ग्रेडिंग कराई जाएगी। इसे लेकर सारी तैयारियां की जा रही हैं। रिसर्च बेस्ड स्टडी के दम पर हम हर हाल में ए-ग्रेड प्राप्त करेंगे। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब व छात्र शिक्षक अनुपात को भी सुधारा गया है। इसके अलावे हमारे विशेषज्ञ लगातार इस बात की भी मानिटनिंग कर रहे हैं कि यूनिवर्सिटी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को कैसे अपग्रेड किया जाए। ताकि अंक तालिका में डीएसपीएमयू अव्वल रहे। कुलपति ने एनईपी 2020 की चर्चा करते कहा कि नैक ग्रेडिंग के लिए एनईपी को लागू करना बहुत आवश्यक है। बताया कि डीएसपीएमयू में नए सत्र से इस नीति को लागू कर दिया जाएगा। जिसका सीधा लाभ यहां के छात्र छात्राओं को मिलेगा। इसे लेकर एक टीम का भी गठन किया गया जो एनईपी 2020 को लागू करने से लेकर मानिटरिंग तक का कार्य कर रही है। कुलपति ने कहा रिसर्च बेस्ड स्टडी को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारा फोकस रिसर्च वर्क पर है। इसके अलावे हमने पिछले तीन वर्षों में स्टूडेंट टीचर रेशियो को सुधारा है। संसाधनों को दुरुस्त किया गया है। लैब को अपग्रेड किया गया है। हमारा लक्ष्य ए ग्रेड हासिल करने का है। साथ ही नए कोर्सेस को भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नैक ग्रेडिंग के अनुरुप ही तैयार कराया गया है। वोकेशनल कोर्सेस के डिपार्टमेंट को अर्न एंड लर्न की तर्ज पर डेवलप किया जा रहा है। साथ ही नई लाइब्रेरी के निर्माण व शैक्षणिक कैलेंडर को लागू करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।
नैक ग्रेडिंग व एनईपी 2020 को ले डीएसपीएमयू के कुलपति से सीधी बात :
सवाल : नैक ग्रेडिंग काे लेकर यूनिवर्सिटी कितना तैयार है।
कुलपति : नैक ग्रेडिंग को लेकर सारी अहर्ताएं पूरी की जा रही हैं। इससे जुड़ी बातों को गंभीरता से लिया जा रहा है। संसाधनों को दुरुस्त करने के साथ साथ लैब को अपग्रेड किया जा रहा है।
सवाल : एनईपी 2020 के लिए डीएसपीएमयू क्या कर रही है।
कुलपति : एनईपी के क्रियान्वयन के लिए तैयारी चल रही है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। शीघ्र ही इसे अंतिम रुप दिया जाएगा। हमलोगों ने वोकेशनल कोर्स की लिस्ट तैयार की है। जिसमें विद्यार्थियों को इन विषयों में पढ़ाई के लिए स्वपोषित कोर्स की तरह लागू किया जाएगा।
सवाल : एनईपी में एकेडमिक बेनिफिशयरी क्रेडिट क्या है।
कुलपति : इसमें छात्र अपना सर्टिफिकेट एमसीआर एवं अन्य आवश्यक सामग्री रख सकते हैं और डिजीलाकर के द्वारा क्रियान्वयन कर सकते हैं। डिजीलाकर डीएसपीएमयू में क्रियाशील है और छात्र छात्राएं इसका लाभ भी उठा रहे हैं।
सवाल : रिसर्च बेस्ड कोर्स को कितना महत्व दिया जाएगा।
कुलपति : नैक ग्रेडिंग और एनईपी के तहत रिसर्च बेस्ड पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। डीएसपीएमयू में इसकी पढ़ाई चौथे साल सातवीं और आठवीं सेमेस्टर में होगी।
इस तरह मिलते हैं अंक :
कालेज व यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए नैक टीम द्वारा ग्रेडिंग की जाती है। इसमें 3.76 या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले संस्था को ए-प्लस प्लस, 3.51 से 3.75 अंक प्राप्त करने पर ए-प्लस, 3.01 से 3.50 अंक पर ए-प्लस ग्रेड, 2.76 से 3 तक अंक प्राप्त करने पर बी-प्लस प्लस, 2.51 से 2.75 अंक पर बी-प्लस, 2.01 से 2.50 तक प्राप्त करने पर बी-प्लस ग्रेड दिया जाएगा। नैक यूजीसी का एक अभिन्न हिस्सा है, इसका काम देश भर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना और उनको रेटिंग देना है। यूजीसी की नई गाइडलाइन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल से मान्यता प्राप्त करना जरूरी है। सीजीपीए के आधार पर एक प्लस, ए, बी-प्लस प्लस, बी- प्लस प्लस, बी, सी और डी ग्रेड दिए जाते हैं। नैक रेटिंग से स्टूडेंट्स को शिक्षण संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है। छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है। नैक ग्रेडिंग के जरिए छात्र अपने लिए बेहतर कालेज तलाश कर सकते हैं। इतना ही नहीं नैक ग्रेड शिक्षण संस्थानों की दी गई डिग्रियों का मूल्य भी निर्धारित करते हैं।