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मुजफ्फरपुर : रेल एसपी ने क्राइम मीटिंग में सभी रेल पुलिस उपाधीक्षक, रेल पुलिस निरीक्षक, रेल थानाध्यक्ष के साथ बैठक कर दिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश।

शराब माफियाओ और यात्रियों को लूटपाट करने वाले उन अपराधियों को यह बता देना चाहता हूं कि हमारे कार्य क्षेत्र को भूल जाए अन्यथा किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा : डॉ कुमार अशीष 

मुजफ्फरपुर/धर्मेन्द्र सिंह, बतौर मुजफ्फरपुर रेल एसपी पदस्थापना के बाद रेल एसपी डॉ कुमार आशीष ने सोमवार को पहली क्राइम मीटिंग आयोजित की। क्राइम मीटिंग में सभी रेल पुलिस उपाधीक्षक, रेल पुलिस निरीक्षक, रेल थानाध्यक्ष के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में प्रतिवेदित कांडो की समीक्षा कर शनिवार तक लंबित कांडो में हुई प्रगति के संबंध में प्रतिवेदन समर्पित करने हेतु निर्देशित किया गया। जमानत रद्दीकरण, गुण्डा प्रस्ताव समर्पित करने हेतु सभी रेल थानाध्यक्ष, रेल पीपी अध्यक्ष को निर्देशित किया गया। मद्यनिषेध के तहत दर्ज कांडो में जब्त शराब विनष्टीकरण हेतु निर्देशित किया गया। लंबित वारंट, कुर्की का निष्पादन हेतु सभी रेल पुलिस उपाधीक्षक को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष टीम का गठन कर प्रत्येक शनिवार तथा रविवार को विशेष अभियान चलाकर निष्पादित करने का निर्देश रेल एसपी डॉ अशीष ने दिया। रेलएसपी डॉ अशीष ने अच्छे कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत करने हेतु अनुशंसा पत्र समर्पित करने का निर्देश विभागीय अधिकारी को दिया। गौरतलब हो कि किशनगंज से जब चंपारण में डॉ कुमार आशीष को भेजा गया था तो किशनगंज के लोग काफी ज्यादा दुखी हुए थे और यह कहा था कि यह पुलिस कप्तान नहीं बल्कि किशनगंज वासियों का घर घर का बेटा बनकर दिलजीत रखा है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में आने वाला किशनगंज जहां सबसे अधिक लोगों को पूर्ण शराबबंदी को लेकर जागरूकता पैदा करना और फिर शराबबंदी को सफल बनाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान डॉ कुमार आशीष का रहा है। जब सरकार के द्वारा तबादला कर चंपारण भेजा गया तो अपने रंग में ही कार्य करना शुरू किया और चंपारणवासियों के दिल में भी अपनी अमिट छाप छोड़ दिए। सरकार ने शराबबंदी को लेकर मात्र एक आईपीएस अधिकारी को वर्ष 2021 में उत्पाद पदक से नवाजा था वह सिर्फ और सिर्फ डॉ. कुमार आशीष हीं थे।हाल के दिनों में यह देखा गया कि शराब माफिया रेलवे को अपना शौक टारगेट बना रहे हैं और रेल से लगातार शराब की खेप बरामद होने लगी थी जिसके बाद बिहार सरकार ने भरोसा जताते हुए आईपीएस डॉ कुमार आशीष को रेल एसपी का कमान दे दिया है। गौर करे कि मुजफ्फरपुर जिले के साथ-साथ उत्तर बिहार के कई प्रमुख जिले रेलवे क्षेत्राधिकार के अनुसार रेल एसपी मुजफ्फरपुर के ही देखरेख में रहता है ऐसे में डॉ कुमार आशीष के लिए अवैध शराब कारोबारियों और यात्रियों को लूटपाट करने वाले गिरोह पर नकेल कसना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पूछे जाने पर डॉ आशीष ने कहा कि मेरे कार्यकाल में सबसे अधिक फोकस शराबबंदी और अपराधियों के खिलाफ विशेष मुहिम की रहती है और उस पर लगातार हम काम भी करते हैं जिसका परिणाम सभी लोगों को देखता भी है। सरकार ने जिस भरोसे से जिम्मेदारी दी है उस पर हर संभव प्रयास रहेगा कि खड़ा रहूं शराब माफियाओं और यात्रियों को लूटपाट करने वाले उन अपराधियों को यह बता देना चाहता हूं कि हमारे कार्य क्षेत्र को भूल जाए अन्यथा किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। अपराधी चाहे कोई भी हो कानून अपना काम करेगी और सख्ती से हर संभव प्रयास रहेगा कि शराब माफिया और रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों को लूटपाट करने वाले गिरोह से निपटा जाएगा। गौर करे कि सोमवार को डॉ अशीष ने पहली क्राइम मीटिंग आयोजित की।क्राइम मीटिंग में सभी रेल पुलिस उपाधीक्षक, रेल पुलिस निरीक्षक, रेल थानाध्यक्ष के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। रेल एसपी ने बैठक में प्रतिवेदित कांडो की समीक्षा कर शनिवार तक लंबित कांडो में हुई प्रगति के संबंध में प्रतिवेदन समर्पित करने हेतु निर्देशित किया गया।

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