गुड्डू कुमार सिंह/गडहनी:- स्थानीय थाना परिसर में सोमवार को 1 जूलाई से देश मे लागू किये गए तीन नए कानून के प्रति आम जनता मे जन जागरूकता को लेकर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक रणवीर कुमार की अध्यक्षता मे स्थानीय जन प्रतिनिधयों, ग्रामीण जनता एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए थानाध्यक्ष श्री कुमार ने तीन नये कानून के बारे मे बिस्तार से बताया।उन्होंने कहा कि पहले का कानून को बदल नया कानून लागू किया गया है जिसमे भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 मुख्य रूप से शामिल है।उन्होनें तीनो नये कानून पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में आईपीसी कानून को समाप्त कर भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू कर दिया गया है। भारतीय संसद के द्वारा भारत में अपराध एव दंड से संबंधित अधिनियम भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर एक नया अधिनियम भारतीय न्याय संहिता 2023 पारित किया गया है।इस नए कानून को भारत में 1 जुलाई 2024 से लागू कर दिया गया है। इस नए अधिनियम में भादवि की तुलना में अध्याय और धराएं कम की गई। भादवी में 23 अध्याय एवं 551 धाराएं हैं जबकि भारतीय न्याय संहिता 2023 में बीएनएस अध्याय एवं 358 धाराएं कर दी गई है। छोटे अपराधों में गिरफ्तारी नहीं बल्कि न्यायालय द्वारा सामूहिक सजा सुनाई जाएगी। कई अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है, साथ ही कई अपराधों में सजा की अवधि बढ़ाई गई है।सामूहिक दुष्कर्म में मृत्युदंड की सजा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधो को एक अध्याय में सम्मिलित किया गया है। झूठ एवं शोषण पर सजा का प्रावधान है।नये प्रावधान मे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को विशेष महत्व दिया गया है।वहीं 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अपराधियों, बलात्कारियों को फांसी अथवा आजीवन कारावास की श्रेणी मे रखा गया है।वहीं जांच के क्रम में पुलिस द्वारा वीडियो ऑडियो के आधार पर कारवाई सुनिश्चित की जायेगी।उन्होंने कहा कि मुख्य परिवर्तन सीआरपीसी में धाराओं की संख्या 484 से बढ़ाकर बीएनएसएस में 531 की कर दी गई है वहीं 177 धाराओं को प्रतिस्थापित किया गया है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई है। जबकि 14 धराए निरस्त की गई।वहीं अगिआंव सर्किल इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने अन्य कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 के साथ ही पुलिस द्वारा जांच की विशेषताओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा, मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना में वृद्धि, प्राथमिकी प्रक्रियाओं और पीड़ितों की सुरक्षा मको सुव्यवस्थित करना, एफआईआर और ईएफआईआर का प्रवधान किया गया है, वहीं धारा 173 को जीरो किया कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि किसी भी मामले मे प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाना का चक्कर लगाने की जरूरत नही है अब यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है।थाना के साइट पर जाकर अपना प्राथमिकी दर्ज कर सकते हैं और वहीं से नकल प्राप्त कर सकते हैं।ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के पश्चात संबंधित थाना द्वारा मामले की छानबीन, जांचोपरांत कारवाई किया जायेगा।इस दौरान बैठक मे उपस्थित सभी लोगो ने नये कानून की सराहना की।वहीं बैठक के दौरान थानाध्यक्ष रणबीर कुमार एवं सर्किल इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने जन प्रतिनिधियों एवं आम जनता से सहयोग करने की अपील की।बैठक का समापन्न राष्ट्रगान से की गई।इस मौके पर एसआई जितेन्द्र कुमार साह, एसआई कुमार गौरव, शंभुनाथ राम, अरूण कुमार पासवान, विजय रावत, बबलु साह, अजय कुमार सिंह प्रखण्ड प्रमुख बिनोद सिंह, उपप्रमुख प्रतिनिधि संजीत चंद्रवंशी, मुखिया प्रतिनिधि महेन्द्र सिंह, संजय चौधरी, श्रीनिवास यादव, देवेन्द्र यादव, जदयू जिला मीडिया समन्वयक इमरान अहमद उर्फ सोनु, अमजद हुसैन, भिखारी राम, सरपंच जुबैर आलम, सतेन्द्र नारायण सिंह, शंकर प्रसाद, अक्षय लाल साह, मो अमीरूदीन, मो अफताब अली, विधायक प्रतिनिधि निक्कू सहित अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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