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किशनगंज : जिले के सभी जनवितरण प्रणाली के लाभुकों का सीएससी संचालकों के माध्यम से शुरू हुआ आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनना

जिलेभर में निर्धारित लक्ष्य में से 9105 लाभुकों का बनाया जा चुका है ई. कार्ड, कुल 15127 से अधिक मरीजों ने गोल्डन ई. कार्ड का लाभ उठाया

जिले के 09 सरकारी एवं 03 सूचीबद्ध निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारी मुफ्त इलाज करा सकते हैंकिशनगंज, 02 मार्च (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत जिले के कुल 15,127 मरीज गोल्डन ई. कार्ड बनाकर निजी स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से लाभ ले चुके हैं। इधर शनिवार से जिले के सभी जनवितरण प्रणाली के लाभुकों का सीएससी संचालकों के माध्यम से आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनना शुरू हो गया है। गौर करे कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तर्ज पर ही 2013 खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्डधारियों को इसका लाभ मिल सकेगा। किसी कारणवश जो राशनकार्ड प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ नहीं ले सके उन लोगों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मुहैया कराया जाएगा। जिसमे पात्र लाभार्थियों को वर्ष में 5 लाख रुपये तक की पूरे देश में सरकारी एवं सूचीबद्ध निजी अस्पताल में निःशुल्क चिकित्सा प्रदान करने के लिए किया जाता है। योजना के सम्पूर्ण क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है कि सभी पात्र लाभार्थियों को योजना से सम्बंधित गोल्डन कार्ड बना कर उपलब्ध करायी जाये। जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने बताया कि जिले में आयुष्मान शिविर के द्वारा सभी जनवितरण प्रणाली के शेष बचे सभी लाभुकों का गोल्डन ई. कार्ड सीएससी संचालकों के द्वारा बनाया जा रहा है। प्रखंड स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने और वितरण की देखरेख प्रखंड स्तर पर कार्यरत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, जीविका के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि करेंगे। उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर लाभुकों को चिह्नित करने के लिए प्रखंड स्तर के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं आशा कार्यकर्ता और जीविका के अधिकारी और कर्मचारी को लाभुकों की सूची सौंप दी गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा जिले के सभी राशन कार्ड धारकों से आयुष्मान भारत कार्ड अपने नजदीकी जनवितरण प्रणाली केंद्र में जाकर बनाने की अपील की है। जिला कार्यक्रम समन्वयक आयुष्मान पंकज कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश के आलोक में मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए ज़िले के सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही प्रखंड के कर्मियों का अहम योगदान मिला है। सरकार द्वारा बनाये जाने वाले आयुष्मान भारत गोल्डेन कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले पंजीयन करवाना पड़ता है। इस रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने और कार्ड बनने के बाद उसे ऑनलाइन डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकलवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक अस्पताल और सदर अस्पताल के साथ माता गुजरी मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा उपलब्ध है। इस अभियान के दौरान लाभार्थी का सत्यापन (वेरिफिकेशन) भी किया जायेगा। जिले के 09 सरकारी एवं 03 सूचीबद्ध निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारी मुफ्त इलाज करा सकते हैं। सिविल सर्जन डा. मंजर आलम ने बताया कि आयुष्मान कार्ड परिवार के सभी लोगों का अलग-अलग बनेगा। यदि आयुष्मान कार्डधारी किसी गंभीर बीमारी या वैसी बीमारी का इलाज कराना चाहता हैं, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक है, तो वे पुरे देश सहित जिले के 09 सरकारी एवं 03 सूचीबद्ध निजी अस्पताल में से किसी भी अस्पताल में जाकर निःशुल्क 05 लाख रुपये तक का इलाज करा सकते हैं। गौर करे कि सदर अस्पताल किशनगंज, माता गुजरी लायंस सेवा केंद्र, किशनगंज, रेडियेंट मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल जेड ए नर्सिंग होम सूचीबद्ध हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में भी योजना का लाभ दिया जा रहा है। साथ ही योग्य निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया भी की जा रही है। पहले दिन जिले में 45665 परिवार के 162218 लोगों के कुल लक्ष्य के आलोक में जिले में कुल 9105 कार्ड जारी किये गये हैं। जिले में कार्ड बनवाने से एक भी लोग वंचित नहीं रहें। इसके लिए पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि मुखिया, वार्ड सदस्य समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी सहयोग करें। साथ ही कार्ड बनाने को लेकर जागरूक करें। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता भी अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी और कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करेंगी एवं कार्ड बनने के बाद इलाज में होने वाले सरकारी मदद की भी जानकारी देंगी। प्रखण्ड स्तर पर संबंधित प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी के रूप में चिन्हित किया गया है।

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