किशनगंज : पौआखाली थाना क्षेत्र के बांसबाड़ी वार्ड नंबर 11 में मिट्टी खिसकने से तीन लोग दबे, हालत नाजुक

रात्रि 9 बजे से रात्रि के दो बजे तक खनन माफिया क्षेत्र में करते है तांडव। किशनगंज, 07 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पौआखाली थाना क्षेत्र के बांसबाड़ी वार्ड नंबर 11 में तीन लोग तकरीबन दस फीट लंबा और तीन फीट से अधिक मोटाई की मिट्टी खिसकने से दब गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को घरेलू कार्य हेतु तीन लोग जिसमें से एक महिला जोहरा, दूसरी बच्ची मोरमी तीसरा एक बच्चा मिट्टी खोदकर लाने गया कि इसी दौरान अचानक से मिट्टी खिसकने से तीनों के ऊपर मिट्टी की मोटी परत गिर गया जिससे मिट्टी के अंदर ही तीनों दब गए चीख व पुकार मच गई, तब स्थानीय ग्रामीण आनन-फानन में कुदाल लेकर मौके पर दौड़े और खोदकर तीनों को निकाला और आनन-फानन में ग्रामीणों ने इलाज हेतु अस्पताल भेजा। जिसमें से महिला की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है और दो लोग चल नहीं पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें गोद में उठाकर ग्रामीण ले जाते हुए नजर आए।
गौरतलब हो कि उक्त स्थल से जुड़े अवैध खनन की खबर 1 मार्च 2023 को केवल सच लाइव डांट इन पर प्रकाशित की गई थी जिसमें लिखा गया था कि जेसीबी द्वारा बांसबाड़ी में अवैध खनन किया जा रहा है। ठीक उसी जगह पर रविवार को घरेलू कार्य हेतु मिट्टी खोदने गए जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ। अवैध खनन के कारण क्षेत्र धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होती जा रही है लेकिन इस पर कोई कुछ बोलना नहीं चाह रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन भी मौन धारण किए हुए हैं। अगर स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई की गई होती तो शायद अवैध खनन पर विराम भी लग सकता है। एक गौर करने वाली बात यह है कि किशनगंज मुख्यालय से उक्त घटना स्थल तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी है। खनन विभाग को पहुंचते पहुंचते खनन माफिया रफू चक्कर हो जाते है वही पौआखाली थाना से महज दो से तीन किलोमीटर की दूरी है। ऐसे में स्थानीय प्रसाशन को कार्रवाई करना चाहिए था। पर स्थानीय प्रसाशन कार्रवाई करने से कतराती है यह समझ से पड़े है। जबकि अवैध खनन से सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँच रहा है और क्षेत्र में बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। और ऐसा भी नहीं है कि स्थानीय प्रसाशन को सूचना नहीं रहता है सूचना रहने के बावजूद सम्बंधित विभाग पर ठीकरा फोर देना कही से जायज नहीं है। क्योंकि प्रावधान के तहत स्थानीय पुलिस प्रसाशन भी कार्रवाई कर सकती है। पर करती नही है। नियम 56 (3) के तहत पुलिस को यह शक्ति प्राप्त है कि वह सरकारी राजस्व की हो रही क्षति को रोक सके और कानूनी कार्रवाई कर सके।