*भाजपा-जदयू के बहकावे में अब दलित और बहुजन समाज नहीं आने वाले – ललन कुमार।..*
भाजपा-नीतीश सरकार में दलितों उत्पीड़न एवं अत्याचार की सर्वाधिक घटनाएं

ऋषिकेश पांडे – बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सुल्तानगंज विधान सभा से महागठबंधन के पूर्व प्रत्याशी ललन कुमार ने कहा कि भाजपा-जदयू के बहकावे में अब दलित और बहुजन समाज नहीं आने वाले हैं,क्योंकि दलित समाज पर सबसे ज्यादा उत्पीड़न और अत्याचार केंद्र की एनडीए सरकार और राज्य की नीतीश भाजपा सरकार में हो रहा है। दलित समाज अब अच्छी तरह समझ चुके हैं कि उनका सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से उत्थान के साथ साथ सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय कांग्रेस पार्टी के साथ ही संभव है।
उन्होंने आगे कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के आंकड़ों के अनुसार नीतीश-भाजपा की बिहार सरकार में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है। सरकार में बैठे लोगों को बताना चाहिए इसके लिए जिम्मेदार कौन? अनुसूचित जाति की कुल आबादी का सिर्फ 01.13 प्रतिशत ही सरकारी नौकरी में हैं। अनुसूचित जाति की कुल आबादी का सिर्फ 0.015 प्रतिशत ही डॉक्टर हैं। अनुसूचित जाति की कुल आबादी का सिर्फ 0.1 प्रतिशत इंजीनियर हैं, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे वर्तमान राज्य सरकार की दलितों के प्रति उदासीनता साफ स्पष्ट रूप से दिखता है, क्योंकि विगत दो दशक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी प्रदेश के मुखिया के रूप में कार्यरत हैं। जिसमें 17 साल से भाजपा भी सरकार में नीतीश कुमार जी के साथ हैं। इन लोगों को थोड़ा सा भी दलितों के उत्थान की चिंता रहती तो आज दलित समाज की हर क्षेत्र में दयनीय स्थिति नहीं रहती। ललन कुमार ने कहा कि जाति आधारित सर्वे उपरांत दलितों, अतिपिछड़ों और पिछड़ों के हित लिए बढ़ाए गए 65 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को केंद्र की मोदी सरकार ने नौवीं अनुसूची में नहीं शामिल कर आरक्षण विरोधी मानसिकता दिखा दिया है। साथ ही भाजपा ने अपने लोगों को कोर्ट भेज कर बढ़ाये गए 65 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगवा दिया। भाजपा-एनडीए का दलित, पिछड़ा विरोधी मानसिकता उजागर हो चुका है।