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किशनगंज : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में साईकिल रैली का किया गया आयोजन, महिलाओं ने लिया भाग।

महिलाएं बढ़ा रही हैं समाज का मान : प्रभारी सिविल सर्जनकिशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सदर अस्पताल प्रांगन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति के एनसीडी सेल के द्वारा साइकिल रैली का आयोजन रविवार को किया गया। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया की साइकिल रैली प्रमुख उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में महिलाओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करना तथा पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देना रहा। रैली का थीम ‘स्वस्थ महिलाएं, स्वस्थ भारत रखा गया था। विदित हो की इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एम्ब्रेस इक्विटी’ पर आयोजन किया जा रहा है, उक्त थीम का अर्थ है लैंगिक समानता पर ध्यान देना। प्रत्येक वर्ष, 08 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष 08 मार्च को होली पर्व (सामान्य अवकाश) होने के कारण विभागीय निर्देश के आलोक में 05 मार्च रविवार को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजन किया गया है। उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि बेटों की तरह बेटियों को भी आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक सहयोग करें। उन्होंने अपने संबोधन में कहा की समाज और देश के विकास में जितना योगदान पुरुषों का है, उतना ही महिलाओं का। वक्त के साथ महिलाएं घर परिवार की चार दीवारों को पाकर करके राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं। खेल जगत से लेकर मनोरंजन जगत तक और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक में महिलाएं बड़ी भूमिका में हैं। महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। उक्त कार्यक्रम में एएनएम स्कूल की प्रधानाचार्य, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम, गैर संचारी रोग जिला समन्वयक नवाज शरीफ के साथ सभी स्वास्थ्य कर्मी एवं स्थानीय महिला उपस्थित हुए। इस अवसर पर गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने कहा, कि बदलते दौर में सामाजिक कुरीतियों को मात मिली है। जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि आज हर क्षेत्र में बेटों से बेटियाँ आगे निकल रही और हम किसी से कम नहीं के दावे को अपनी मेहनत के बल पर सार्थक रूप दे रही हैं। सिर्फ, बेटियों को थोड़ी सी सपोर्ट मिल जाए तो बड़ी उड़ान निश्चित है। इसलिए, इस बदलते दौर में हर किसी को बेटे-बेटियाँ में फर्क वाली कुप्रथाओं को भूलने और सहयोग करने की जरूरत है। डॉ देवेन्द्र कुमार ने उपस्थित महिलाओ को संबोधित करते हुए बताया की शुरुआती दौर में कोई भी बीमारी बेहद सामान्य दिखती है। लेकिन बीतते समय के साथ ये गंभीर रूप लेने लगता है। किसी तरह की शारीरिक समस्या को देर तक टालने का परिणाम लोगों को देर-सबेर भुगतना ही पड़ता है। इसलिये रोग संबंधी किसी लक्षण की तत्काल पहचान कर इसका समुचित इलाज कराया जाये। आज संक्रामक बीमारियों के खतरे से पूरा विश्व परेशान है। ऐसे में आमतौर पर होने वाली गैर संचारी रोगों के प्रति भी पर्याप्त सक्रियता जरूरी है। वैसे रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे प्रसारित नहीं होते, उन्हें गैर संचारी रोगों की श्रेणी में रखा गया है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोतियाबिंद, हृदय संबंधी रोग, अल्जाइमर, पार्किंगसन सहित अन्य कई रोग गैर संचारी रोगों की सूची में शामिल हैं।

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