किशनगंजब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

किशनगंज : दवाओं के नियंत्रण, निगरानी और वितरण को सुव्यवस्थित करने के लिए डेटा ऑपरेटरों को दिया गया प्रशिक्षण

दवाओं की महत्वता: मरीजों की जीवनरक्षा का आधार, दवा प्रबंधन में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका महत्वपूर्ण

किशनगंज, 27 अगस्त (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिले के सभी प्रखंड अस्पतालों में दवाओं के नियंत्रण, निगरानी और वितरण को सुव्यवस्थित करने के लिए डेटा ऑपरेटरों को जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगन में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार की अध्यक्षता में उन्मुखीकरण प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया। यह प्रशिक्षण न केवल दवाओं की उपलब्धता की सटीक जानकारी को सुनिश्चित करने के लिए था, बल्कि इसका उद्देश्य यह भी था कि किसी भी मरीज को आवश्यक दवाओं की कमी का सामना न करना पड़े। सिविल सर्जन ने बताया की इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की सटीक जानकारी रखना और मरीजों को समय पर आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया की दवाएं किसी भी अस्पताल की जीवनरेखा होती हैं। वे न केवल इलाज का माध्यम हैं, बल्कि मरीजों के लिए राहत और जीवनरक्षा का स्रोत भी हैं। जिले के सभी प्रखंड अस्पतालों में 309 प्रकार की दवाएं उपलब्ध रहती हैं, जो आम बीमारियों से लेकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं तक के उपचार के लिए आवश्यक हैं। इन दवाओं की नियमित और सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने से मरीजों को समय पर और उचित उपचार प्राप्त हो सकेगा। इन दवाओं की उपलब्धता और वितरण की जानकारी नियमित रूप से ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। यह पोर्टल न केवल अस्पतालों में दवाओं की स्थिति की जानकारी देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि अगर किसी दवा की कमी है, तो उसे तुरंत पूरा किया जा सके। इससे मरीजों को समय पर सही उपचार मिल सकेगा और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कौशलेन्द्र कुमार ने बताया की डीवीडीएमएस और ईएमएमएस जैसे पोर्टलों का उपयोग करके दवाओं की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। इन पोर्टलों पर दर्ज जानकारी पूरे देश में किसी भी अस्पताल में उपलब्ध दवाओं के बारे में अपडेट देती है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर दवा आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण के इस दौर में, दवाओं का प्रबंधन और वितरण भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से किया जा रहा है। डीवीडीएमएस (ड्रग्स और वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम) और ईएमएमएस (इलेक्ट्रॉनिक मेडिसिन मैनेजमेंट सिस्टम) जैसे पोर्टल्स के माध्यम से डेटा ऑपरेटर अब प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध दवाओं की जानकारी को अपडेट कर सकते हैं। इस डिजिटल प्रबंधन से अस्पतालों में दवाओं की कमी और उनकी समय पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. मुनाजिम ने बताया की जिले में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य कैम्पों में भी दवाओं की उपलब्धता को पोर्टल के माध्यम से मॉनिटर किया जाएगा। कैम्पों में भेजी जाने वाली दवाओं की जानकारी और उनकी वैधता को सुनिश्चित करना अब आसान हो जाएगा, जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित दवाएं मिल सकेंगी। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी स्वास्थ्य कैम्प में जरूरी दवाओं की कमी न हो और लोगों को सुलभ और प्रभावी चिकित्सा सेवा मिल सके। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कदम न केवल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाएगा, बल्कि राज्य स्तर पर भी एक मिसाल कायम करेगा। अस्पतालों में दवाओं की नियमित और सटीक उपलब्धता सुनिश्चित करने से मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की देरी नहीं होगी, और उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान तुरंत हो सकेगा। दवाओं का प्रभावी प्रबंधन स्वास्थ्य सेवाओं की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिले में इस दिशा में उठाए गए कदमों से न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह पहल मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है, जिससे वे समय पर उचित चिकित्सा प्राप्त कर सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button