किशनगंज : वैक्सीन सुरक्षा प्रणाली को लेकर कोल्ड चेन हैंडलर को दी गयी रिफ्रेशर ट्रेनिंग
वैक्सीन के रख-रखाव एवं भंडारण में इस प्रणाली की है महत्वपूर्ण भूमिका, वैक्सीन के उत्तम प्रबंधन, भंडारण एवं वितरण में ई-विन प्रणाली का किया जाता है उपयोग
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किशनगंज, 08 फरवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आवश्यक प्रतिरक्षण सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने और बच्चों एवं गर्भवती माताओं के टीकाकरण के लिए ई-विन प्रणाली का उपयोग किया जाता है। कोरोना काल के दौरान ई-विन प्रणाली के एडवांस एडिशन को क्रियान्वित किया गया। जिले के सभी प्रखंड के नामित कोल्ड चेन हैंडलर के साथ-साथ सहायक को कोल्ड चेन प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने की। जिसमें जिला स्तरीय पदाधिकारी भी से उपस्थित रहे। प्रशिक्षण देने के कार्य डबलूएचओ के एसएमओ डा. प्रीतम एवं यूएनडीपी के प्रकाश चंद्र वर्मा, यूनिसेफ के एजाज अफजल पदाधिकारी ने किया। जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने बताया सरकार के निर्देश के आलोक में जिलों में नियमित टीकाकरण के सभी वैक्सीन एवं सीरिंज के उत्तम प्रबंधन भंडारण एवं वितरण को सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड चेन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। वही कोल्ड चेन प्रणाली में ई-विन यानी इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क प्रणाली वैक्सीन की गुणवत्ता बनाए रखने में सबसे महत्त्वूर्ण भूमिका निभाती है। ई-विन खासतौर पर वैक्सीन वितरण के लिए बनाई गई तकनीक है। इसकी मदद से इस बात पर नजर रखी जाती है कि कितनी वैक्सीन स्टॉक में है। स्मार्टफोन पर काम करने वाली ये तकनीक साल 2015 में लॉन्च की गई थी। इससे इस बात पर ट्रैक रखा जाता है कि कि कोल्ड चेन में वैक्सीन का सही ढंग से रखरखाव हो सके और वितरण के दौरान कोई समस्या न हो। यहां बता दें कि वैक्सीन के स्टॉक को सुरक्षित रखने के लिए तापमान-नियंत्रित भंडारण की जरूरत होती है। हर टीके को रखने की एक निश्चित अवधि होती है और इस दौरान भी उसे एक खास तापमान पर रखना होता है। अगर इसमें कमी या कोई असावधानी हुई तो टीका अपना असर खो देती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने बताया सम्मिलित प्रतिभागियों को कोल्ड चेन, ईविन प्रणाली के एडवांस एडिशन की विस्तृत जानकारी प्रदान की। प्रणाली में बदलाव कर इसका एडवांस एडिशन बनाया गया है जिसे वर्तमान में क्रियान्वित किया जाना है। प्रशिक्षण में प्रशिक्षकों के द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रतिभागियों को विस्तृत में बताया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रशिक्षण का समापन किया गया।