किशनगंज : 27 जून से 31 जुलाई के बीच दो चरणों में संचालित होगा जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर 24 जून से 10 जुलाई तक दंपति संपर्क पखवाड़ा व 11 से 31 जुलाई तक परिवार नियोजन सेवा पखवारा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा
किशनगंज, 23 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 27 जून से 31 जुलाई के बीच जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन किया जायेगा। इसके तहत समुदाय स्तर पर परिवार नियोजन संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन कर जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता, परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न सेवाओं की जानकारी व योग्य दंपतियों को इच्छानुसार संबंधित सेवाएं उपलब्ध करायी जायेगी। कार्यक्रम की सफलता को लेकर संबंधित अन्य विभागों से जरूरी मदद ली जायेगी। आम जनों को परिवार नियोजन सेवाओं के इस्तेमाल के लिये प्रेरित करने में संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी व विकास मित्रों का सहयोग लिया जायेगा। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर में जानकारी देते हुए बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर 24 जून से 10 जुलाई तक दंपति संपर्क पखवाड़ा व 11 से 31 जुलाई तक परिवार नियोजन सेवा पखवारा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान परिवार नियोजन के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे कापर टी, गर्भ निरोधक सुई, बंध्याकरण व नसबंदी के साथ गर्भ निरोधक गोलियों व अन्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित कराने में जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्था सहित संबंधित सरकारी विभागों से अपेक्षित सहयोग लिया जायेगा। सिविल सर्जन ने बताया कि परिवार नियोजन की तस्वीर बदलने में जिले की महिलाएं आगे हैं। जिला में 15 से 49 वर्ष की विवाहित महिलाओं में परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल पूर्व की तुलना में बढ़ा है। वर्ष 2019-20 की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट-5 के मुताबिक वर्तमान में 59.7 प्रतिशत महिलाएं परिवार नियोजन के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। जबकि एनएफएचएस-4 में यह महज 34 प्रतिशत था। वहीं 44 प्रतिशत महिलाओं ने बंध्याकरण चुना जो पूर्व में 32 प्रतिशत था। पुरुषों में कंडोम का इस्तेमाल बढ़ा है। नई रिपोर्ट में सौ में से लगभग सात लोग गर्भनिरोध के लिए कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। जबकि पूर्व में यह 1 प्रतिशत ही था।पिछले पाँच साल में ऐसे परिवारों की संख्या में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। फिलहाल 46 फीसदी योग्य महिलाएं परिवार नियोजन संबंधी उपाय अपना रही हैं। लगभग 36 फीसदी लोग परिवार नियोजन के लिये अस्थायी विकल्प अपनाते हैं। जबकि परिवार नियोजन संबंधी अस्थायी उपायों के प्रति लोगों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के उपाय जैसे पुरुष नसबंदी, महिला बंध्याकरण, गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन, निरोध सहित अन्य उपायों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आशाकर्मियों की मदद से योग्य दंपतियों को चिह्नित किया जा रहा है। इच्छुक दंपतियों को 11 से 31 जुलाई के बीच संचालित जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत जरूरी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी संसाधन से जुड़ी सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इन उपायों को अपनाने पर लाभुक को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिये लाभुक को 3000 रुपये व उत्प्रेरक को 400 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 व उत्प्रेरक को 300 रुपये देने का प्रावधान है। इसी तरह प्रसव के उपरांत बंध्याकरण के लाभार्थी को 3000 रुपये, उत्प्रेरक को 400 रुपये दिये जाते हैं। प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने के लिये लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150, गर्भपात के उपरांत कॉपर-टी लगाने के लिये लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150 रुपये व गर्भनिरोधक सुई लगाने पर लाभार्थी को 100 रुपये व उत्प्रेरक को 100 रुपये बतौर सहायता राशि दी जाती है। डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि अभियान का उद्देश्य हम दो हमारे दो के लक्ष्य को हासिल करना है। इस दौरान आम लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरत, सही उम्र में शादी का महत्व, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर, छोटे परिवार का लाभ, मां व शिशु स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये गर्भनिरोधक उपाय अपनाने को लेकर जरूरी परामर्श के प्रति जागरूक किया जाना है। साथ ही सुलभता पूर्वक लोगों को इससे जुड़ी सेवाएं उपलब्ध करानी है।