किशनगंज : राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025: “चेक, क्लीन, कवर” थीम पर किशनगंज में जागरूकता अभियान तेज
स्वच्छता और सजगता ही डेंगू से बचाव का सर्वोत्तम उपाय : स्वास्थ्य विभाग

किशनगंज,16 मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 के अवसर पर जिलेभर में “चेक, क्लीन, कवर – स्टेप टू डीफीट डेंगू” थीम पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने सिविल सर्जन कार्यालय परिसर से एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में स्कूली बच्चों, स्वास्थ्यकर्मियों और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और विद्यालयों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। पोस्टर, बैनर और पंपलेट्स के माध्यम से आमजन को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोगों से बचाव की जानकारी दी गई। स्कूली बच्चों द्वारा निकाली गई प्रभात फेरी में डेंगू से बचाव का संदेश दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मनजर आलम ने बताया कि डेंगू एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो साफ, स्थिर पानी में पनपता है और दिन में काटता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में 29, 2024 में 16 और 2025 में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है, जो संतोषजनक स्थिति है, फिर भी सावधानी बेहद जरूरी है।
डेंगू के लक्षण व बचाव
डॉ. आलम ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, खून आना, काला मल आदि शामिल हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, और घर के अंदर-बाहर पानी जमा न होने दें। कूलर, गमले, फ्रिज की ट्रे आदि का पानी नियमित रूप से बदलना और उसमें मिट्टी का तेल डालना उपयोगी है।
समय पर उपचार और सामूहिक भागीदारी जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि डेंगू से बचने का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों को पनपने से रोकना है। उन्होंने कहा, “यदि हम अपने घर और आस-पास सफाई रखें, तो इस बीमारी को रोका जा सकता है।”
मुफ्त इलाज और सलाह सुविधा उपलब्ध
उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू की निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर डेंगू या चिकनगुनिया से संबंधित परामर्श लिया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि इस लड़ाई में सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है। यदि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाए, तो डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।