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किशनगंज : युवा व किशोरों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है हाईपरटेंशन

हाइपरटेंशन से बचाव के प्रति आम लोगों को जागरूक होने की जरूरत, सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बीपी की जांच व इलाज से संबंधित समुचित इंतजाम उपलब्ध 

किशनगंज, 05 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, हाई ब्लडप्रेशर तेजी से बढ़ता हुआ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। जो आगे चलकर हृदय रोग का कारण बन सकता है।जानकारों की मानें तो पहले ब्लड प्रेशर उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी के तौर पर जाना जाता था। जो अब हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाने लगा है। हाल के वर्षों में देखा जाये तो हाई ब्लडप्रेशर किशोर व युवा आयु वर्ग के लोगों को आसानी से अपना शिकार बनाने लगा है। एक अनुमान के मुताबिक देश में हर चार में से एक व्यक्ति ब्लडप्रेशर का शिकार हैं।लिहाजा स्वास्थ्य विभाग हाइपरटेंशन के प्रति आम लोगों को जागरूक करने, स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज व दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के प्रयास में जुटा है। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने शनिवार को बताया कि रक्तचाप के कारण व इसे नियंत्रण संबंधी उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से समय-समय पर विभाग द्वारा जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समुदाय को इसके खतरों के प्रति सजग किया जा रहा है। अमूमन जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बीपी मरीजों की जांच, इलाज व जरूरी परामर्श संबंधी सेवा संचालित है। लोगों को नियमित अंतराल पर अपनी बीपी की जांच कराते रहना चाहिये। जो बीपी को नियंत्रित रखने के लिहाज से भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यवस्थित जीवनशैली को अपना कर हाइपरटेंशन के खतरों को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। सिविल सर्जन ने बताया कि एनएफएचएस के आंकड़ों के मुताबिक जिले के 15 साल या इससे अधिक उम्र की 8.5 पांच फीसदी महिलाएं बीपी की सामान्य समस्या से ग्रसित हैं। वहीं 4.4 फीसदी महिलाएं मध्यम व 11.0 फीसदी महिलाएं गंभीर रूप से बीपी की समस्या की शिकार हैं। वहीं इसी उम्र के पुरुषों में 12.4 फीसदी पुरुष सामान्य बीपी, 5.4 फीसदी मध्यम व 22.7 फीसदी गंभीर रूप से बीपी के शिकार हैं। गौर करे कि सर दर्द, सांस का फूलना, थकान या भ्रम, छाती में दर्द, पसीना आना, धुंधला नजर आना, उल्टी आना हाइपरटेंशन के सामान्य लक्षण हैं। इस तरह का कोई लक्षण दिखने पर तत्काल बीपी की जांच जरूरी है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. अनवर आलम ने बताया कि हाईपरटेंशन का मुख्य कारण तनाव व अनियंत्रित खानपान होता है। इसके अलावा मोटापा, नींद की कमी, तैलीय पदार्थों व नमक का अधिक सेवन भी इसके कुछ अन्य कारणों में से एक है। इसलिए यह जरूरी है कि अपनी डाइट पर खास तौर पर ध्यान रखा जाये। हाईपरटेंशन से बचाव के लिए फल, सब्जियां व अंकुरित अनाज का सेवन महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से व्यायाम करने से काफी लाभ होता है। इसके साथ शरीर के वजन व बीपी को नियंत्रित रखना और इसकी नियमित जांच भी जरूरी होती है।

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