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किशनगंज : डीएम ने सामाजिक सुरक्षा कोषांग के कार्य अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं में प्रगति की समीक्षा।

आगामी ठंड में कंबल वितरणकार्य ससमय करें, शिविर लगाकर योजनाओं की जानकारी और लाभ प्रदान करने का करें कार्य।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, डीएम श्रीकांत शास्त्री द्वारा जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के कार्यों की गहन समीक्षा अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में सोमवार को किया गया। उन्होंने यहाँ संचालित राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। साथ ही, दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के कार्यों की समीक्षा हुई। डीएम द्वारा जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग से निष्पादित एवं कार्यान्वित योजनाओं की समीक्षा की गई। एडीएसएस मो मिन्हाजुद्दीन ने योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इस कोषांग द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अंतर्गत 6 योजनाएं- 3राष्ट्रीय स्तर की तथा 3 राज्य स्तरीय योजनाएँ- संचालित है।राष्ट्रीय स्तर की योजनाओं में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना तथा इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना है। राज्य-स्तरीय योजनाओं में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई (विधवा) सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा बिहार निःशक्तता पेंशन योजना संचालित है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के अंतर्गत किसी भी आयु वर्ग के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वृद्धजनों को आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान की जाती है। सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग मो मिन्हाजुद्दीन ने जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया कि मृत्योपरान्त देय अनुदान योजनाओं के अंतर्गत तीन योजनाएँ संचालित है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना तथा कबीर अंत्योष्टि अनुदान योजना। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु के उपरान्त मृतक के आश्रितों को मुआवजा प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना के लाभार्थी वैसे परिवार होंगे जो बीपीएल के अंतर्गत आते हैं। इसमें लाभुकों को 20 हजार रुपये की एकमुश्त राशि दी जाती है। कोषांग के स्तर पर लाभुकों को सहायता राशि प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना जुलाई, 2013 से कार्याविन्त है। इस योजना का उद्देश्य ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है जिनके परिवार के मुखिया की दुर्घटना में मृत्यु के उपरान्त परिवार का भरण-पोषण करने वाला कोई नहीं रहता है। इस योजना के अंतर्गत लाभुकों को 20,000/- रुपए की एकमुश्त राशि दी जाती है। कबीर अंत्येष्टि योजना अंतर्गत वैसे लाभार्थी जो बीपीएल परिवार के सदस्य हों, जिनकी मृत्यु होने पर शव अंत्येष्टि के लिए 3,000 रुपया प्रदान किया जाता है।उन्होंने बताया कि जिला में एक बुनियाद केन्द्र सक्षम संचालित है। बुनियाद केन्द्र के द्वारा समाज के तीन ऐसे वर्ग (वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा) जो विभिन्न कारणों से जीवन में पिछड़ने लगते हैं और समाज में अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं, उनकी मदद एवं आवश्यक देखभाल कर उन्हें सम्मान और आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के लिए कार्य किया जाता है। बुनियाद केन्द्र में वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा और उनकी सामाजिक देखभाल से संबंधित समस्याओं पर कई तरह की सेवाएं दी जाती है। केन्द्रों के माध्यम से फिजियोथेरेपी, वाक् तथा श्रवण संबंधी जाँच, उचित निदान एवं हस्तक्षेप, आँखों की जाँच एवं उनके इलाज के लिए परामर्श, सामाजिक पुनर्वास, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल मुहैया करायी जाती है। दूरदराज के क्षेत्रों में रह रहे बुजुर्गों को मोबाईल थेरैपी वैन के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा हेल्पलाईन के माध्यम से भी सेवाएँ प्रदान की जाती है। किशनगंज जिला अंतर्गत बुनियाद केन्द्र पर दी जाने वाली सेवाओं से अबतक कई लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध करायी गयीं है एवं वर्तमान में भी सेवाएं जारी हैं। मुख्यमंत्री उज्जवल दृष्टि योजना के तहत बुनियादी के द्वारा लाभार्थियों को आँख जाँच करने के उपरांत निःशुल्क चश्मा दिया गया है। सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने अन्य संचालित योजनाओं के बारे में बताया। अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के लाभार्थियों की जानकारी दी गई। जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग से मानवाधिकार के तहत गृह (विशेष) विभाग द्वारा भेजे गए आवंटन की निकासी की जाती है एवं जांचोपरान्त लाभुकों को भुगतान किया जाता है। डीएम श्री शास्त्री ने सामाजिक सुरक्षा कोषांग में स्वीकृत पद के विरूद्ध कर्मियों के पदस्थापन की समीक्षा की। उन्होंने सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग को रिक्तियों के आलोक में आवश्यक निदेश दिया। माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण कल्याण नियमावली, 2012 के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि समाज के सभी व्यक्तियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सम्पूर्ण तंत्र इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। सहायक निदेशक के द्वारा जिलाधिकारी को आगामी योजनाओं और विभागीय कार्य योजना से अवगत कराया गया। जीवन प्रमाणीकरण, दिव्यांग कार्ड, यूडीआईडी आदि हेतु शिविर लगाने का निर्देश दिया गया ताकि अधिकाधिक लाभार्थी लाभान्वित हो सके। प्रत्येक वर्ष कंबल वितरित करने के संबंध में डीएम ने निर्देश दिया कि शुरुआती ठंड में ही गरीबों को कंबल वितरित कर दिया जाय। डीएम कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

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